चीन में कोरोना महामारी की दूसरी लहर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 'बड़ी घटना' बताया है। WHO के मुताबिक, बीजिंग में सामने आए संक्रमण के नए मामलों की शुरुआत कहां से हुई है, यह अब तक पता नहीं चल सका है। दावा किया गया है कि संक्रमण के नए मामलों का कनेक्शन सॉमन मछली से है। मछलियों को नार्वे से इम्पोर्ट करने के दौरान या फिर इसकी पैकेजिंग से संक्रमण फैलने की बात कही जा रही है।
बीजिंग में 4 दिन में 79 मामले सामने आए
चीनी प्रशासन के मुताबिक, बीजिंग में चार दिन के अंदर 79 संक्रमण के मामले सामने आए हैं। चीन के वाइस प्रीमियर सूं चुंलन ने आधिकारिक तौर पर इसे रोकने और बचाव करने के आदेश दिए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में भी दावा किया गया है कि बीजिंग की शिंफदी मार्केट में सॉमन मछली लाई गई थी जिसकी पैकेजिंग और चोपिंग बोर्ड में कोरोनावायरस पाया गया है। फिलहाल मार्केट को बंद कर दिया गया है।
बीजिंग में साउथवेस्टर्न फेंगटाई जिले के अधिकारी चू जुनवे का कहना है, संक्रमण वाले क्षेत्र में इमरजेंसी लागू की गई है और लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
नए मामलों की जांच किए जाने की जरूरत
डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख माइक रेयान का कहना है कि चीन में 50 दिन तक संक्रमण के बड़े मामले सामने न आने के बाद अब अचानक से इतनी संख्या में कोरोना के मरीज कैसे हो गए, इसे कंट्रोल करने के साथ पूरे मामले की जांच करने की भी जरूरत है। यह बड़ी घटना है। इस समय तत्काल बचाव और इसे रोकने के प्रयास शुरू करने होंगे।
चीन ने झुठलाया- सॉमन फिश से कनेक्शन हो यह जरूरी नहीं
चीन के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ वु जूनयू का कहना है कि इस समय शिंफदी मार्केट से संक्रमण के सोर्स का पता लगाना बहुत मुश्किल है। मछली बेचने वाले दुकानदार के यहां चोपिंग बोर्ड में कोरोना मिलना इस बात की पुष्टि नहीं करता कि सॉमन फिश ही संक्रमण का सोर्स है। चोपिंग बोर्ड में संक्रमण दुकानदार या यहां आने वाले किसी ग्राहक या दूसरे उत्पाद के जरिए भी पहुंच सकता है।
चीन में मछली निर्यात पर रोक लगी
चीन को साॅमन मछली सप्लाय करने वाली नार्वे की कम्पनी ने मछली भेजने पर रोक लगा दी है। फिलहाल कम्पनी चीन में मछली नहीं निर्यात करेगी। कम्पनी के चीफ एग्जीक्यूटिव रेगिन जैकॉबसन का कहना है कि हम चीन को सॉमन फिश नहीं भेज सकते। मार्केट बंद कर दिया गया है। इस घटना के बाद नार्वे में भी इस मछली की बिक्री पर रोक लग गई है।
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