(संदीप शर्मा.इमरान खान) लॉकडाउन की वजह से दुनिया भर में पॉल्युशन कंट्रोल में आया लेकिन अब एक बार फिर से "हवा" बिगड़ने लगी है। कोरोना की वजह से जहां लंग्स इंफेक्शन और मौतें बढ़ी हैं तो वहीं अब पॉल्युशन इस मर्ज को और बढ़ाएगा। नवम्बर और दिसम्बर माह में अस्थमा और कार्डियो के पेशेंट बढ़ते हैं लेकिन इस बार यह संख्या काफी अधिक होना तय है।
डॉक्टर्स की मानें तो नवम्बर और दिसम्बर माह में इन दोनों बीमारियों के मरीजों, बुजुर्गों को बहुत ही अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है। वजह यह भी कि जहां पिछले साल अगस्त और सितम्बर माह में पॉल्युशन का पीएम 127 और 103 था, इस साल यह बढ़कर 138 और 186 तक पहुंच गया है। यानी कि खतरा बढ़ रहा है।
ये बढ़ाते हैं ट्रिपल अटैक का खतरा
अक्टूबर से जनवरी तक मरीज बढ़ते हैं, अबकी चुनौती पहाड़-जैसी है
एक्सपर्ट कहते हैं, हर बार अक्टूबर से जनवरी तक अस्थमा, कार्डियक पेशेंट बढ़ जाते हैं। इस बार कोरोना से हालात ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं। लोगों को समझना होगा कि खतरा जानलेवा है। इस बार अलर्ट अधिक नहीं रहे तो ऐसे मरीजों में मौत का आंकड़ा बढ़ना तय है। इसलिए जरूरी है कि त्योहारों की खुशियां अपनों के बीच मनाएं। केवल एक साल पटाखे नहीं चलाने से खुशियां कम नहीं होंगी।
मरीजों के हित में अगले चार महीने पॉल्यूशन लॉकडाउन हो
लॉकडाउन से अनलॉक होते ही 4 माह में आबोहवा फिर दमघोंटू हो रही है। दिवाली के दिनों में प्रदूषण कई गुना तक बढ़ जाता है। मरीजों के हित में कोरोनाकाल में तो कम से कम पॉल्यूशन का लॉकडाउन जरूरी है।
पिछले एक साल में PM-10 का लेवल
महीना | 2019 | 2020 |
अप्रैल | 298 | 166 |
मई | 265 | 190 |
जून | 220 | 160 |
जुलाई | 127 | 138 |
अगस्त | 103 | 186 |
सितम्बर | 147 | 150 |
एक्सपर्ट पैनल : डॉ. रमन शर्मा (प्रोफेसर मेडिसिन), डॉ. एसएस शर्मा (प्रोफेसर कार्डियोलॉजी, एसएमएस हॉस्पिटल), डॉ. अशोक गर्ग (कार्डियोलॉजिस्ट), डॉ. वीरेंद्र सिंह, डॉ. अजीत सिंह (अस्थमा रोग विशेषज्ञ)
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