कोरोनावायरस से बचने के लिए चिकित्सा विभाग ने आंख, नाक और मुंह को छूने से पहले हाथों को सेनेटाइजर से धोने की सलाह दी है। लोग हर बार आने-जाने किसी भी चीज को छूने के पहले और बाद सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये जाने बिना कि इसके भी साइड इफेक्ट्स हैं।
भास्कर ने संबंधित रोगों के विशेषज्ञों से राय ली। विशेषज्ञ का कहना है कि सेनेटाइजर का अधिक इस्तेमाल करने से त्वचा में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। एसएमएस, कावंटिया, सेठी कॉलोनी, बनीपार्क और जयपुरिया अस्पताल में ऐसे 15 से 20 केसेज रोजाना आ रहे हैं।
स्किन एक्सपर्ट डॉक्टर पैनल : डॉ.ऋषि भार्गव, डॉ.यू.एस.अग्रवाल, डॉ.दीपक माथुर, डॉ.पुनीत भार्गव, डॉ.आर.पी.डोरिया |
तीन मामलों से समझें, साबुन बनाम सैनेटाइजर का फंडा
जवाहर नगर कोयल (32) हाथों पर दाने, खुजली और काली मोटी चमड़ी की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचीं। यही लक्षण 15 दिन से थे। बताया कई बार सेनेटाइजर से हाथ धोती हैं। उन्हें कम सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह के साथ स्किन एलर्जी का इलाज दिया गया।
मालवीय नगर के रमेश (40) बार-बार हाथों की चमड़ी उतरने और खुजली से परेशान होकर दिखाने आए। ये दिक्कत 20 दिन से थी। पता चला वजह सेनेटाइजर का खूब इस्तेमाल किया। नतीजा- ‘क्यूमूलेटिव इंसल्ट व कान्टेक्ट डर्मेटाइटिस बीमारी हो गई।
वैशाली नगर निवासी युवती ने हथेलियों में खुरदरापन और जलन होना बताया। युवती को कोरोना का डर ऐसा कि घर वालों के मना करने के बावजूद 20 से ज्यादा बार सेनेटाइजर से हाथ धोती रही। डॉक्टर ने स्किन एलर्जी की दवा दी, अब आराम है।
सेनेटाइजर से क्या परेशानी?
एथेनॉल, एन-प्रोपेनॉल, आइसोप्रोपिल ड्राई एल्कोहल हाथों की प्राकृतिक नमी को नष्ट करते हैं। केमिकल के कारण रोमछिद्र शुष्क हो जाते हैं। सेनेटाइजर के इन तीनों घटकों के बार-बार इस्तेमाल से स्किन एलर्जी, सिरदर्द एवं चक्कर आने की समस्या हो सकती है। सेनेटाइजर में बेंजाल्कोनियम क्लोराइड होता है, जो कीटाणुओं और त्वचा के लिए जरूरी बैक्टीरिया भी धो देता है। ये जलन और खुजली की वजह भी बन सकता है।
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