वैज्ञानिकों ने आने वाली सर्दियों को लेकर चेतावनी जारी की है। उनके मुताबिक, अगर कोरोना और फ्लू एक साथ होता है मौत का खतरा दोगुना हो सकता है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट कहती है, 20 जनवरी से 25 अप्रैल के बीच इंग्लैंड में 58 ऐसे ही मामले दर्ज किए गए। ये मरीज फ्लू और कोविड-19 दोनों से जूझ रहे थे। इनमें कोरोना से मरने वाले मरीजों का आंकड़ा 27 फीसदी था, वहीं फ्लू की चपेट में आने के बाद 43 फीसदी मरीजों की मौत हुई।
इसलिए सर्दियों में अलर्ट रहने की जरूरत
रिसर्चर्स का कहना है, फ्लू का संक्रमण अक्सर सर्दियों में होता है। कोविड-19 के बारे में अभी यह कहना मुश्किल है कि यह सीजनल बीमारी है। दोनों के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं। ऐसे में बिना जांच के दोनों में फर्क कर पाना मुश्किल है। इसलिए सर्दियों के मौसम में और भी ज्यादा अलर्ट रहना जरूरी है।
सर्दियों में फ्लू से नहीं बचाया तो मरीज बढ़ेंगे
रिसर्चर्स के मुताबिक, अगर सर्दी के मौसम में फ्लू से खुद को नहीं बचा पाते हैं तो मरीजों की संख्या काफी बढ़ेगी। यह तय कर पाना मुश्किल होगा कि वो कोविड-19 का मरीज है या फ्लू से जूझ रहा है।
रिसर्चर्स के मुताबिक, फ्लू के वायरस का संक्रमण खांसने और छींकने से फैलता है और कोविड-19 में भी ऐसा ही होता है। फ्लू के मरीज करीब 1 हफ्ते में ठीक हो जाते हैं लेकिन कोरोना से जूझ रहे हैं तो मरीज को रिकवरी में लम्बा समय लगता है।
संक्रमण हुआ तो आइसोलेट करना सबसे जरूरी
इंग्लैंड के डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर प्रो. जोनाथन वेन-टेम के मुताबिक, यह रिसर्च छोटी है लेकिन सर्दियों में इस पर आगे भी रिसर्च होगी। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के मेडिकल डायरेक्टर प्रो. वोने डॉयले का कहना है, फ्लू और दूसरे रेस्पिरेट्री वायरस सर्दियों में संक्रमण फैलाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि अगर आप फ्लू या कोविड-19 से जूझ रहे हैं तो खुद को घर में आइसोलेट कर लें। इस तरह खुद भी सुरक्षित रहेंगे और दूसरे को भी रख सकेंगे।
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