हैदराबाद की जेनरिक फार्मा कंपनी MSN ग्रुप ने कोरोना की सबसे सस्ती दवा 'फेविलो' लॉन्च की है। इसमें फेविपिराविर ड्रग का डोज है। 200 एमजी फेविपिराविर की एक टेबलेट 33 रुपए की होगी। कंपनी के मुताबिक, जल्द ही फेविपिराविर की 400 एमजी टेबलेट भी लॉन्च की जाएगी।
कोरोना के मरीजों के लिए पहले भी MSN ग्रुप एंटीवायरल ड्रग ऑसेल्टामिविर को ऑस्लो नाम से लॉन्च कर चुका है। यह 75 एमजी की टेबलेट है।
अब तक की सबसे सस्ती दवा
फार्मा कंपनी | दवा का नाम | कीमत |
MSN ग्रुप | फेविलो | ₹33 |
जेनवर्क्ट फार्मा | फेविवेंट | ₹39 |
ग्लेनमार्क फार्मा | फेबिफ्लू | ₹75 |
सिप्ला | सिप्लेंजा | ₹68 |
हेट्रो लैब | फेविविर | ₹59 |
ब्रिंटन फार्मा | फेविटन | ₹59 |
सबसे किफायती दवा का दावा
MSN ग्रुप के सीएमडी डॉ. एमएसएन रेड्डी का दावा है कि फेविलो कोविड-19 की सबसे प्रभावी और किफायती दवा है। उन्होंने कहा, हमारी कंपनी दवाओं की क्वालिटी का ध्यान रखने के साथ उसे लोगों को उपलब्ध कराने में विश्वास रखती है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया फेविपिराविर को मंजूरी दे चुका है। इससे कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षण वाले मरीजों का इलाज किया जा सकेगा।
अब तक फेविपिराविर का इस्तेमाल इन्फ्लुएंजा में किया जा रहा था
फेविपिराविर ड्रग को बड़े स्तर पर जापानी कंपनी फुजीफिल्म होल्डिंग कॉर्प तैयार करती है। जापानी कंपनी इसे एविगन के नाम से बाजार में बेचती है। 2014 से इसका इस्तेमाल इन्फ्लुएंजा के इलाज में किया जा रहा है।
फैबीफ्लू का स्ट्रॉन्ग वर्जन पेश करेगी ग्लेनमार्क
ड्रग कंपनी ग्लेनमार्क फेविपिराविर के ब्रांड 'फैबीफ्लू' को 400 एमजी डोज में लाने वाली है। कंपनी के मुताबिक, इससे रोगियों को कम टेबलेट्स में पूरा डोज मिल जाएगा। फैबीफ्लू का इस्तेमाल कोरोना संक्रमण के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों का इलाज करने में किया जा रहा है। कंपनी के मुताबिक, इस टेबलेट की कीमत भी 75 रुपए होगी।
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