दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा से ही प्रेग्नेंट महिलाओं को अल्कोहल से दूरी बनाने की सलाह देते हैं। इसकी वजह शराब से बच्चे को होने वाले कई नुकसान हैं। हाल ही में नीदरलैंड्स के इरासमस मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिकों ने इसी विषय पर रिसर्च की है। इसमें पाया गया है कि एक हफ्ते में सिर्फ एक ग्लास वाइन पीने से बच्चे के चेहरे में परमानेंट बदलाव हो सकते हैं।
3D इमेजिंग के जरिए हुई स्टडी
इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने 5 हजार 600 स्कूले बच्चों के चेहरे की 200 विशेषताओं की स्टडी की। ऐसा 3D इमेजिंग और दीप लर्निंग एल्गोरिदम के सहारे मुमकिन हुआ। इन बच्चों में से कुछ की मांओं से प्रेग्नेंसी के दौरान अल्कोहल का सेवन किया था, तो वहीं कुछ ने शराब से दूरी बनाई थी। रिसर्चर्स के मुताबिक, एक हफ्ते में सिर्फ 12 ग्राम अल्कोहल पीने से बच्चे का चेहरा स्थायी रूप से बादल सकता है।
बच्चों में बदलाव: छोटी नाक, लंबी ठुड्डी
रिसर्चर्स ने एनालिसिस में पाया कि गर्भधारण के बाद थोड़ी सी शराब से बच्चों के चेहरे में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इनमें छोटी नाक, आंखों के नीचे गड्ढे और ठुड्डी बाहर की तरफ होना शामिल हैं। प्रेग्नेंट महिला जितनी ज्यादा शराब का सेवन करती है, बच्चों में ये बदलाव उतने ही गहरे होते हैं। ऐसा खासकर उन मांओं के बच्चों के साथ होता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान और उससे 3 महीने पहले से शराब पी रही होती हैं।
बच्चे को हो सकता है फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर
प्रेग्नेंसी में अल्कोहल के सेवन से बच्चे को फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर होने की आशंका होती है। इससे बच्चे के चेहरे के साथ-साथ दिमाग पर भी असर पड़ता है। वह मानसिक रूप से कमजोर हो सकता है। उसके व्यवहार में भी समस्या हो सकती है। इसलिए महिलाओं को गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा के लिए शराब से दूर रहने को कहा जाता है।
इससे पहले हुई एक रिसर्च में प्रेग्नेंसी में हर हफ्ते 70 ग्राम शराब से बच्चे पर होने वाले प्रभाव पर स्टडी की गई थी। इसमें भी कुछ ऐसे ही नतीजे पाए गए थे। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि शराब की कोई भी मात्रा भ्रूण और बच्चे के लिए हानिकारक ही है।
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