अबॉर्शन बैन से ट्रैफिकिंग का खतरा:अमेरिका में ब्राजील जैसे हालात न बन जाएं, वहां अबॉर्शन पिल्स के नाम पर हो रही महिलाओं की तस्करी

एक वर्ष पहले
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अमेरिका में अबॉर्शन पर प्रतिबंध लगने के बाद लोगों को डर है कि यहां भी कहीं ब्राजील जैसे हालात न बन जाए। दरअसल, ब्राजील में अबॉर्शन पर बैन लगने के बाद अबॉर्शन पिल्स बेचने पर प्रतिबंध है। ये पिल्स ड्रग डीलर्स ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं। जरूरतमंद महिलाएं खासकर टीनएजर्स इसे डॉक्टर की सलाह के बिना ही ड्रग डीलर्स से सीधे खरीद रही हैं। इससे महिलाएं सीधे ड्रग डीलर्स के संपर्क में आने लगी, जिससे ट्रैफिकिंग (मानव तस्करी) का खतरा बढ़ गया।

नतीजतन सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को हाई रिस्क में डाल दिया। बता दें कि ब्राजील में साल 1890 से ही गर्भपात करना गैरकानूनी है। 1940 में उन महिलाओं के लिए अपवाद जोड़े गए जो दुष्कर्म या यौन उत्पीड़न के कारण गर्भवती हुई हैं। प्रतिबंधों के चलते महिलाओं ने अबॉर्शन का एक आसान तरीका खोज लिया। वे गर्भपात के लिए दी जाने वाली दवाएं उपयोग करने लगीं।

भारत, मैक्सिको और अर्जेंटीना में 15,000 रुपए से 30,000 रुपए में 8 अबॉर्शन पिल्स बेची जाती हैं।
भारत, मैक्सिको और अर्जेंटीना में 15,000 रुपए से 30,000 रुपए में 8 अबॉर्शन पिल्स बेची जाती हैं।

बीते नवंबर ही कॉलेज में पढ़ने वाली एक 23 साल की लड़की जैना ने ड्रग डीलर से करीब 22 हजार रुपए में 8 अबॉर्शन पिल्स खरीदीं। इससे घर पर ही 8 सप्ताह में गर्भपात हो गया, लेकिन कई हफ्तों तक ब्लीडिंग होती रही। वह मानसिक रूप से परेशान हुई, लेकिन किसी की मदद न ले सकी। ब्राजील में गर्भपात की सजा 3 साल जेल है। 7 सप्ताह तक बदलाव नहीं आया, तो वह इलाज के लिए महिला क्लिनिक गई। गनीमत यह रही कि गर्भपात की सूचना किसी ने पुलिस को नहीं दी।

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