इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मंगलवार को कोरोना जांच के नियमों का दायरा बढ़ाया। आईसीएमआर ने सभी राज्यों को एंटीजन टेस्ट करने की इजाजत दे दी। इसके साथ सभी हॉस्पिटल्स, ऑफिस और पब्लिक सेक्टर यूनिट को रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने का सलाह भी दी।
आईसीएमआर ने अपनी गाइडलाइन में हर कंटेनमेंट जोन में मौजूद सरकारी-प्राइवेट हॉस्पिटल और प्राइवेट लैब को यह जांच उपलब्ध कराने की बात कही।
आईसीएमआर के मुताबिक, एंटीजन टेस्ट किट के जरिए ऑन द स्पॉट जांच कराई जा सकती है और 30 मिनट में रिजल्ट आ जाता है। एक किट की कीमत 450 रुपए है। अगर कोरोना संदिग्ध लोगों का एंटीजन टेस्ट निगेटिव आता है तो उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाएगा।
कर्मचारियों के मन से डर और बेचैनी को दूर करेगा टेस्ट
एंटीजन टेस्ट इसलिए कराया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इंसान को पहले कभी कोरोना का संक्रमण हुआ था या नहीं।
आईसीएमआर ने जारी निर्देश में लिखा है- 'सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल, ऑफिस व पब्लिक सेक्टर यूनिट को सलाह दी जाती है कि वे एंटीजन टेस्ट कराएं। यह जांच स्वास्थ्य कर्मियों और ऑफिस कर्मचारियों के मन से डर और बेचैनी को दूरी करेगी।'
यहां होगा रैपिड एंटीजन टेस्ट
किसे कराना होगा टेस्ट
आईसीएमआर के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन और हॉटस्पॉट में इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण दिखने पर टेस्टिंग किट का इस्तेमाल होगा।
ऐसे लोग जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे (एसिम्प्टोमैटिक) हैं या संक्रमण मरीजों से मिले हैं, उनका भी टेस्ट होना चाहिए। इसके अलावा हॉस्पिटल्स में भर्ती कीमोथैरेपी व ट्रांसप्लांट के मरीज और 65 साल से अधिक लोगों का भी जांच करने की बात कही गई है।
साउथ कोरिया ने विकसित की है किट
आईसीएमआर के मुताबिक, राज्यों को स्टैंडर्ड एंटीजन किट (Q COVID-19 Ag kit) से जांच करने की सलाह देते हुए कहा, इस जांच के लिए किसी तरह की मशीन की जरूरत नहीं है और 30 मिनट में परिणाम सामने आ जाते हैं।
जांच के परिणाम आंखों से देख जा सकते हैं। कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए यह बेहतर तरीका है। नई एंटीजन किट को साउथ कोरिया की कम्पनी एसडी बायोसेंसर ने विकसित किया है। आईसीएमआर और एम्स किट की जांच करने की क्षमता को परख चुके हैं।
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