विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस रिसर्च को सही माना है कि फुली वैक्सीनेडेट लोगों में ओमिक्रॉन संक्रमण से डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ती है। WHO चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने ट्वीट किया कि ओमिक्रॉन का संक्रमण डेल्टा के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ा सकता है, बशर्ते आप वैक्सीनेटेड हों।
उन्होंने कहा कि अगर आपने कोरोना वैक्सीन के डोज नहीं लिए हैं तो नया वैरिएंट इम्यूनिटी जनरेट नहीं करेगा। इसका मतलब ये है कि संक्रमण वैक्सीनेशन का विकल्प नहीं है, जैसा कि कुछ लोग सुझाव दे रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका में पीक के दौरान हुई थी ओमिक्रॉन और इम्यूनिटी पर रिसर्च
रिसर्च का एक अहम पॉइंट- ओमिक्रॉन की लहर के बाद जिंदगी आसान होगी
इस रिसर्च का एक और महत्वपूर्ण नतीजा सामने आया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भले ओमिक्रॉन संक्रमण की रफ्तार बहुत तेज है, लेकिन इससे अस्पताल में भर्ती होने और मौत का खतरा काफी कम है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि ओमिक्रॉन कोरोना के पिछले वैरिएंट्स से काफी माइल्ड है और लोगों को गंभीर रूप से बीमार नहीं करता है।
इसकी लहर के बाद महामारी के दौर में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि कोरोना के कारण हमारी आम जिंदगी में आने वाली बाधाएं खत्म हो जाएं। अभी ओमिक्रॉन कई देशों में डेल्टा की जगह लेकर डॉमिनेंट वैरिएंट बन गया है।
अनवैक्सीनेटेड लोगों के लिए ओमिक्रॉन भी बड़ी चुनौती
एलेक्स सिगल ने कहा कि जो लोग वैक्सीन नहीं लगवाते हैं, उन्हें ओमिक्रॉन का गंभीर संक्रमण हो सकता है। इससे उनके हॉस्पिटलाइज होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे ही लोगों को नए वैरिएंट से मौत का खतरा भी होता है। इसके साथ ही वे ओमिक्रॉन होने पर डेल्टा के खिलाफ इम्यूनिटी भी नहीं विकसित कर पाते हैं। कोरोना से बचना है तो वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है।
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