• Hindi News
  • Happylife
  • International Day Of Action For Women's Health Why Genetic Testing Is Important For Women

इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर वीमेंस हेल्थ आज:प्रेग्नेंसी में बार-बार मिसकैरेज होना और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा घटाने के लिए जेनेटिक टेस्ट जरूरी, एक्सपर्ट से जानिए बीमारियों को कैसे रोकें

2 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक

एक से दूसरी पीढ़ियों में खूबियों और खामियों को ले जाने के लिए जीन जिम्मेदार होता है। महिलाओं और बच्चों में होने वाली बीमारियों के लिए कई बार यही जीन बड़ी वजह होता है। परिवार में पहले से कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित रहा है तो डॉक्टर से बात करते जेनेटिक टेस्ट जरूर कराना चाहिए, खासकर महिलाओं को।

एक्सपर्ट कहते हैं, इससे भविष्य में होने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है। साथ ही बीमारी के अगली पीढ़ी में जाने का खतरा भी घटता है। आज इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर वीमेंस हेल्थ है। इस मौके पर मेडजिनोम सेंटर फॉर जेनेटिक हेल्थ केयर की रिप्रोडक्टिव जेनेटिसिस्ट डॉ. हेमा पुरंदरे से जानिए, जेनेटिक टेस्ट से कौन सी बीमारियों को रोका जा सकता है...

बार-बार मिसकैरोज होना
प्रेग्नेंसी के 20 हफ्ते से पहले तीन या इससे अधिक बार मिसकैरेज होता है तो अलर्ट होने की जरूरत है। वैज्ञानिक भाषा में इसे रिकरंट प्रेग्नेंसी लॉस कहते हैं। एक रिसर्च कहती है, 1 से 2 फीसदी महिलाओं में ऐसे मामले सामने आते हैं। ऐसे मामलों की वजह क्रोमोसोम में गड़बड़ी या जेनेटिक एब्नॉर्मेलिटी हो सकती है। इसलिए एक बार भी प्रेग्नेंसी लॉस होने पर अगला बच्चा प्लान करने से पहले डॉक्टरी सलाह से जेनेटिक टेस्ट जरूर कराएं।

आईवीएफ प्रक्रिया का सफल न हो पाना
कई बार महिलाओं में जेनेटिक डिफेक्ट के कारण आईवीएफ के दौरान भी मिसकैरेज हो जाता है। इससे बचने के लिए पहले ही जांच कराना बेहतर विकल्प है। जैसे- परिवार में पहले किसी महिला को जेनेटिक डिसऑर्डर रहा है तो भ्रूण ट्रांसप्लांट कराने से पहले यह बात डॉक्टर जरूर बताएं और जेनेटिक टेस्टिंग कराएं। ऐसा करती हैं तो बच्चे में खतरे को कम किया जा सकता है और प्रेग्नेंसी को सफल बनाया जा सकता है।

फैमिली हिस्ट्री से कैंसर होने का खतरा
ओवेरियन कैंसर के 15 फीसदी और ब्रेस्ट कैंसर के 7 फीसदी मामले जीन (BRCA2, BRCA2) में म्यूटेशन के कारण होते हैं। वर्तमान में एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से जीन टेस्ट कराकर ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर का खतरा घटाया जा सकता है। इसका एक उदाहरण है हॉलीवुड एक्ट्रेस एंजेलिना जोली। एंजेलिना की मां पहले ही कैंसर से जूझ चुकी थीं, इसलिए एंजेलिना ने अपना जेनेटिक टेस्ट कराया। जांच में खतरे की पुष्टि होने के बाद एंजेलिना ने सर्जरी कराई और इस मामले को लोगों के बीच साझा भी किया।

गर्भ में पल रहे बच्चे के क्रोमोसोम में गड़बड़ी
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे के क्रोमोसोम सामान्य हैं या एब्नॉर्मल, डिलीवरी से पहले इसकी जांच होनी जरूरी है। क्रोमोसोम में डिफेक्ट होने पर बच्चे में डाउन सिंड्रोम जैसे रोग होने का खतरा रहता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए जेनेटिक स्क्रीनिंग और प्री-टेस्ट कराए जा सकते हैं। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ही डॉक्टर से इस बारे में चर्चा जरूर करें।

खबरें और भी हैं...