इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने शुक्रवार को ह्यूमन रेटेड सॉलिड रॉकेट बूस्टर (HS200) का सफल परीक्षण किया। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 7.20 पर लॉन्च किया गया। वैज्ञानिकों ने यह रॉकेट बूस्टर भारत के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए तैयार किया है।
पहले जान लें, क्या है गगनयान मिशन?
गगनयान अंतरिक्ष भेजे जाने वाला भारत का पहला मानवयुक्त मिशन है। इसका मकसद किसी भारतीय अंतरिक्ष यान से मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें वापस लाने की क्षमता दिखाना है। गगनयान मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लाल किले से की थी।
रॉकेट बूस्टर गगनयान मिशन को देगा बूस्ट
ISRO के मुताबिक, HS200 रॉकेट बूस्टर GSLV MK3 सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के S200 रॉकेट बूस्टर का ह्यूमन रेटेड वर्जन है। वहीं, GSLV MK3 के ह्यूमन रेटेड वर्जन को HRLV कहा जाएगा। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक डॉ. उन्नीकृष्णन नायर ने कहा, रॉकेट बूस्टर का सफल परीक्षण गगनयान मिशन के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
HS200 को 203 टन ठोस प्रणोदक के साथ 135 मिनट के लिए टेस्ट किया गया। यह 20 मीटर लंबा और 3.2 डायमीटर का रॉकेट बूस्टर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेशनल बूस्टर है। ISRO के मुताबिक, टेस्ट के दौरान 700 पैरामीटर्स पर नजर रखी गई। हैरानी की बात यह है कि ISRO ने इस रॉकेट की डिजाइन, डेवलपमेंट, रियलाइजेशन और टेस्टिंग प्रोसेस कोरोना महामारी के दौरान तैयार की।
ISRO शुक्र पर भी भेजेगा स्पेसक्राफ्ट
चांद और मंगल के बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) अब शुक्र ग्रह पर भी स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। ISRO के चेयरमैन एस सोमनाथ का कहना है कि भारत के पास शुक्र के लिए मिशन बनाने और लॉन्च करने की क्षमता मौजूद है।
सोमनाथ कहते हैं कि यह मिशन शुक्र के वातावरण को स्टडी करने के लिए लॉन्च किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, शुक्र का वातावरण काफी जहरीला है और पूरा ग्रह सल्फ्यूरिक एसिड के बादलों से ढका हुआ है। सोमनाथ के अनुसार, शुक्र पर स्पेसक्राफ्ट भेजने के लिए सालों से रिसर्च की जा रही है और अब ISRO के पास इस मिशन के लिए प्लान तैयार है।
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