दुनिया के दूसरे सबसे बड़े समुद्र अटलांटिक महासागर में करीब 2.57 किमी की गहराई में स्थित तल में एक सीध में बने कई छोटे-छोटे छेद हैं। ये छेद वैज्ञानिकों को लिए पहेली बने हुए हैं। समुद्र की सतह पर ऐसे छेद पहली बार करीब 18 साल मिले थे। अब वोल्केनिक पहाड़ से लगे इलाके में भी समुद्र तल में ऐसे छेद मिले हैं।
वैज्ञानिक यह पता लगाने में जुटे हैं कि ये छेद कैसे बने। नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, 23 जुलाई को मध्य-अटलांटिक समुद्र के तल पर वैज्ञानिकों ने छेदों को देखा। ये छेद लगभग 4 इंच के हैं।
10 किमी तक फैला छेद का पैटर्न
यह इलाका पुर्तगाल की मुख्य भूमि के पास है। पुर्तगाल से लगे अजोरेस क्षेत्र के समुद्र तल में भी ऐसे छेद पाए गए। यहां समुद्र तल में तीन टेक्टोनिक प्लेट एक-दूसरे से सटी हैं। छेद के ये पैटर्न 10 किमी तक फैले हैं।
NOAA के ओशियन एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट के सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया है, “छेद की उत्पत्ति ने वैज्ञानिकों को स्तब्ध कर दिया है। उनके चारों ओर तलछट के ढेर बताते हैं कि छेद काफी गहराई तक हैं।’ सी बॉयोलॉजिस्ट माइकल वेक्चिओने ने कहा, “समुद्र की सतह में कुछ महत्वपूर्ण चल रहा है और हम नहीं जानते कि यह क्या है।’
समुद्री वैज्ञानिकों का खाेजी अभियान
NOAA के प्रवक्ता एमिली क्रुम ने कहा कि करीब दो दशक पहले मौजूदा स्थान से 45 किमी दूर समुद्री वैज्ञानिकों के खोजी अभियान के दौरान समुद्र तल में ऐसे छेद मिले थे। इसके बाद से इनकी उत्पत्ति को लेकर रिसर्च की जा रहा है, लेकिन ये पहेली अनसुलझी है।
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