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इस साल के पहले नोबेल पुरस्कार का ऐलान हो गया है। चिकित्सा का नोबेल संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों हार्वे जे आल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम राइस को दिया जाएगा। आल्टर और राइस अमेरिकी हैं, जबकि ह्यूटन यूके से हैं। इन तीनों वैज्ञानिकों ने हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज की थी।
लिवर की बीमारी हेपेटाइटिस का वायरस 5 तरह का होता है, ए, बी,सी, डी और ई। इनमें से सबसे खतरनाक हेपेटाइटिस-सी को माना जाता है। हेपेटाइटिस-सी का वायरस संक्रमित खून के जरिए शरीर में फैलकर लिवर को डैमेज करता है। बीमारी बढ़ने पर लिवर फेल्योर या कैंसर की वजह भी बन सकता है। यह वायरस इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि आधे से ज्यादा लोगों को खुद के संक्रमित होने का पता ही नहीं चलता है। ज्यादातर में इस रोग के लक्षण या तो दिखाई नहीं देते या सामने आने में 10 साल तक लग जाते हैं।
जानिए क्या होता है हेपेटाइटिस और इसके वायरस संक्रमण कैसे फैलाते हैं...
क्या है हेपेटाइटिस?
हेपेटाइटिस को आसान भाषा में तो यह लिवर में होने वाली सूजन है जिसका मुख्य कारण वायरस का संक्रमण है। जो आमतौर पर दूषित भोजन खाने या पानी पीने, संक्रमित चीजों के इस्तेमाल से फैलता है। इस कारण हेपेटाइटस के 5 वायरस ए, बी, सी डी और ई हैं। इनमें टाइप-बी व सी घातक रूप लेकर लिवर सिरोसिस और कैंसर को जन्म देते हैं। शुरुआती इलाज न मिलने पर स्थिति गंभीर हो जाती है और लिवर पूरी तरह से डैमेज भी हो सकता है।
कितनी तरह की होती है लिवर की यह बीमारी?
5 बातें जो जरूर ध्यान रखें
1) लक्षण दिखते ही जांच कराएं
हेपेटाइटिस वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखने ही हेप्टोलॉजिस्ट से मिलें और जांच कराएं। कुछ कॉमन लक्षण जैसे लिवर का आकार बढ़ने, त्वचा की पीलापन, मतली, यूरिन पीला होना, हल्का बुखार और शारीरिक बदलावों को देखकर लिवर फंक्शन टैस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड और लिवर बायोप्सी कराने की सलाह दी जाती है।
2) बारिश में खास सावधानी बरतें
सड़क किनारे लगी दुकानों पर मिलने वाला फूड लेने से बचें। बारिश के दिनों में इसका खास ख्याल रखें। संक्रमित इंसान की चीजों का इस्तेमाल करने से बचें और असुरक्षित शारीरिक संबंध न बनाएं। संक्रमित सुई का इस्तेमाल न करें और रक्त चढ़वाते समय इसकी जांच कराएं।
3) नवजात को टीका लगवाएं
गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर हेपेटाइटिस-बी की जांच के साथ इसका टीका लगवाने की सलाह दी जाती है। डिलीवरी के बाद नवजात को भी इसका टीका लगवाएं। प्रेग्नेंसी के दौरान हेपेटाइटिस-ई ज्यादा खतरनाक है जो लिवर के फेल होने का कारण बन सकता है। इसका टीका न होने के कारण बचाव ही इलाज है। इससे बचने के लिए उबला पानी पीएं, खाने से पहले साबुन से हाथ धोएं और प्रेग्नेंसी के दौरान बाहर का खाना खाने से बचें।
4) क्या खाएं : हरी सब्जियां खाएं लेकिन अच्छी तरह धोकर
खाने में हरी सब्जियां, पपीता, खीरा, सलाद, नारियल पानी, टमाटर, अंगूर, मूली, ब्राउन राइस किशमिश, बादाम को डाइट में शामिल करें। हरी सब्जियां को अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें।
5) क्या न खाएं : अधिक तेल-मसाले वाला खाना और रिफाइंड आटा
अधिक गर्म, तेल और मसाले वाले फूड, रिफाइंड आटा, डिब्बाबंद फूड, अल्कोहल वाले प्रोडक्ट लेने से बचें। केक, पेस्ट्रीज और चॉकलेट सीमित मात्रा में लें।
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2020
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