भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 2,527 नए केसेस और 33 मौतें दर्ज की गईं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, देश में तेजी से फैलते संक्रमण के पीछे ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट (BA.2.12.1) का हाथ है। जहां स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब तक BA.2.12.1 के डिटेक्ट होने की पुष्टि नहीं की है, वहीं धीरे-धीरे वैज्ञानिक इस सब-वैरिएंट को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं।
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आखिर BA.2.12.1 है क्या?
सरल भाषा में, कोरोना का वैरिएंट ओमिक्रॉन है, ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2 है और BA.2 का सब वैरिएंट BA.2.12.1 है। यानी, ये भी ओमिक्रॉन की फैमिली का सदस्य ही है। हाल ही में अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने न्यूयॉर्क समेत कुछ शहरों में ओमिक्रॉन के BA.2.12.1 और BA.2.12 सब-वैरिएंट्स मिलने की पुष्टि की है।
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील का कहना है कि फिलहाल BA.2.12.1 अमेरिका के उत्तर पूर्वी इलाकों में तेजी से फैल रहा है। हालांकि यह BA.2 के दूसरे वैरिएंट्स जितना ही संक्रामक है।
जमील कहते हैं कि ये सभी सब-वैरिएंट्स वायरस की ओरिजिनल स्ट्रेन से औसतन 12 गुना ज्यादा संक्रामक हैं। जहां ओमिक्रॉन ओरिजिनल स्ट्रेन से 10 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है, वहीं BA.2 के सब-वैरिएंट्स BA.1 की तुलना में 20% ज्यादा संक्रामक हैं।
BA.2.12.1 हमारे लिए कितना खतरनाक?
मनी कंट्रोल से बात करते हुए वैज्ञानिकों ने बताया कि नया सब वैरिएंट काफी ज्यादा संक्रामक है और कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों पर दोबारा अटैक करने में सक्षम है।
BA.2.12.1 में L452Q नाम का एक म्यूटेशन भी पाया गया है, जो दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वैरिएंट में पाया गया था। हैरानी की बात यह है कि यह म्यूटेशन BA.2 में नहीं पाया गया था। इस वजह से BA.2.12.1 ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है।
कितनी तेजी से फैल रहा है BA.2.12.1?
CDC की मानें तो नए सब-वैरिएंट के कारण अमेरिका में पिछले हफ्ते 19% नए कोरोना मामले दर्ज हुए। इसके पहले दो हफ्तों में ये आंकड़ा 11% और 7% था।
इधर, इंडियन SARS-CoV-2 जेनोमिक्स कॉन्सोर्टियम (INSACOG) के सूत्रों के हवाले से मनी कंट्रोल ने बताया कि दिल्ली में अचानक से कोरोना मामलों में बढ़त की वजह BA.2.12.1 सब-वैरिएंट ही है। सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर बड़ी संख्या में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है, लेकिन अब तक कोई ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया गया है।
भारत में जनवरी में आई तीसरी लहर के दौरान ओमिक्रॉन का BA.2 सब-वैरिएंट डोमिनेंट हो गया था। देश में कोरोना के 80% मामले इसी के थे।
क्या कोरोना की चौथी लहर आएगी?
अशोका यूनिवर्सिटी के डॉ. अनुराग अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा है कि नए सब-वैरिएंट के आने से हमें डरना नहीं चाहिए। देश में कोरोना लहर आएगी भी तो वो हेल्थकेयर सिस्टम पर भारी नहीं पड़ पाएगी। बस अपनी सुरक्षा के लिए हमें बूस्टर डोज लगवाना और मास्क का इस्तेमाल करना जरूरी है।
वहीं दैनिक भास्कर से बातचीत में अपने स्टैटिस्टिकल मेथड से देश में 22 जून तक चौथी लहर आने की भविष्यवाणी करने वाले IIT कानपुर के प्रोफेसर शलभ ने कहा, ’ये कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी कि केसेस का बढ़ना चौथी लहर का संकेत है।’
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