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- Scientists Develop EARMUFFS That Can Measure Blood Alcohol Levels Through The Skin But It Takes More Than Two HOURS
ब्रीथएनालाइजर का नया विकल्प 'ईयरमफ':वैज्ञानिकों ने बनाई कान में लगाने वाली डिवाइस, यह शरीर में अल्कोहल का पता लगाती है; सेंसर करते हैं अलर्ट
- जापान की टोक्यो मेडिकल एंड डेंटल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया ईयरमफ
इंसान ने शराब पी रखी है या नहीं, जल्द ही इसकी जांच के लिए ब्रीथएनालाइजर की जरूरत नहीं होगी। जापानी वैज्ञानिकों ने इसकी जांच के लिए खास तरह की डिवाइस तैयार की है। इसे इयरमफ का नाम दिया गया जो वॉकमैन की तरह दिखता है। इसे कान पर लगाकर पता किया जा सकता है कि इंसान में शराब की मात्रा कितनी है।
ऐसे काम करती है डिवाइस
- ईयरमफ को तैयार करने वाली जापान की टोक्यो मेडिकल एंड डेंटल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, आमतौर पर मुंह से ब्रीथएनालाइजनर में हवा फूंककर अल्कोहल के लेवल का पता लगाया जाता है, लेकिन शरीर के कई हिस्सों से इसका पता लगाया जा सकता है।
- वैज्ञानिकों के मुताबिक, सांसों के अलावा शरीर की स्किन, कान और पसीने से भी एथेनॉल (अल्कोहल) गैस के रूप में निकलता है। इसी की मदद से शरीर में अल्कोहल का पता लगाया जा सकता है।
- हाथ-पैर की स्किन और पसीने के मुकाबले, कान के पास वाली स्किन से अधिक एथेनॉल निकलता है, इसलिए जापानी वैज्ञानिकों ने कान पर नई डिवाइस का इस्तेमाल किया और परिणाम चौंकाने वाले रहे।
- वैज्ञानिकों का कहना है, शराब पीने पर एथेनॉल गैस के रूप में स्किन से निकलता है, जब डिवाइस को कान पर लगाया जाता है तो डिवाइस गैस की जांचकर ने ब्लड में मौजूद अल्कोहल का पता लगाती है।
- शरीर में एथेनॉल की मात्रा अलग-अलग होने पर डिवाइस से अलग-अलग तीव्रता वाला प्रकाश निकलता है। वैज्ञानिकों का दावा है, यह डिवाइस एथेनॉल के अलावा एसीटोन और एसिडएल्डिहाइड जैसे कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का पता लगाता है।
नई डिवाइस क्यों ब्रीथएनालाइजर से बेहर
वैज्ञानिकों का कहना है, ब्रीथएनालाइजर को मुंह में लगाया जाता है। कई लोग इससे ऐतराज जताते हैं। इसके अलावा कई बार शराब पीने के बाद लोग माउथवॉश या ब्रीथ स्प्रे का इस्तेमाल करके पुलिस को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते हैं। जबकि नई डिवाइस को कान पर लगाया जाता है, इसलिए यह सटीक परिणाम दे सकता है।
शोधकर्ता कोहजी मिटसुबयाशी का कहना है, हम शरीर के ऐसे हिस्से पर डिवाइस का इस्तेमाल करना चाहते थे जहां से तत्काल एथेनॉल का पता लगाया जा सके।