फ्रंटियर्स इन मैडिसिन में प्रकाशित हुई एक रिसर्च के वैज्ञानिकों ने तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल कर दिखाया है। मिस्र के जिस राजा की 3,500 साल पुरानी ममी (संरक्षित शव) को आज तक असल में कभी नहीं खोला गया, उसे अब वर्चुअली खोल दिया गया है। इसका मतलब, वैज्ञानिकों ने कम्प्युटर की मदद से इस ममी के अवशेषों की जांच की है। साथ ही, राजा के जन्म से लेकर मृत्यु तक की सारी डीटेल्स का पता लगाया है।
ये है मिस्र के राजा अमेनहोटेप I की ममी
3,500 साल पुरानी यह ममी मिस्र के राजा अमेनहोटेप I की है। इसे 1881 में खोजा गया था। हालांकि, ये ममी इतनी नाजुक है कि सदियों बाद भी वैज्ञानिकों ने इसे पूरी तरह खोलने की हिम्मत नहीं की।
अमेनहोटेप I ने मिस्र पर 1525 से 1504 ई. पूर्व 21 साल राज किया था। वह मिस्र के 18वें राजवंश का दूसरा राजा था। अपने शासन के दौरान उसने मिस्र में कई मंदिर बनवाए थे।
अमेनहोटेप I की ममी फूलों की मालाओं और लकड़ी के फेस मास्क से सजी हुई है। उस समय राजाओं को मृत्यु के बाद ऐसे ही सजाकर दफनाया जाता था।
ममी की हुई 'डिजिटल अनरैपिंग'
आधुनिक तकनीक के जरिये वैज्ञानिकों ने इस ममी की 3D स्कैनिंग की। शोधकर्ता सहर सलीम ने बताया कि इस ममी की एक-एक परत को वर्चुअली खोला गया। सबसे पहले इसका मास्क हटाया गया। इसके बाद इसकी बैंडेज निकाली गई। फिर ममी के कंकाल को जांचा गया। ये सब कम्प्युटर पर हुआ।
स्टडी में मिले 30 ताबीज और सोने की करधनी
स्टडी में पाया गया कि अमेनहोटेप I मृत्यु के समय 35 साल का था और उसकी लंबाई 5.5 फीट थी। उसकी चिन छोटी, नाक पतली, बाल घुंघराले और ऊपर के दांत हल्के से उभरे हुए थे। परतों के अंदर लगभग 30 ताबीज और एक अनोखी सोने की करधनी पाई गई।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि ममी ने कई पोस्टमॉर्टम चोटों का सामना किया था, जो संभवतः मकबरे के लुटेरों ने की थी। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, बाद में पुजारियों ने 21वें राजवंश में इसकी मरम्मत करने की कोशिश की थी। सलीम के अनुसार, ममी को पूरी तरह सुरक्षित पाकर वे और उनके साथी हैरान थे।
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