वर्तमान और पिछली पीढ़ी के बीच सबसे बड़ा अंतर प्रकृति के बीच बीतने वाले समय का है। इसी का परिणाम है कि बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हो रहे हैं उनका सामाजिक विकास प्रभावित हो रहा है।
हार्वर्ड के अनुसार आउट डोर एक्टिविटी नहीं करने वाले बच्चों के सफल होने की संभावनाएं भी कम होती हैं। 3 से 5 के बच्चों को दिन भर एक्टिव रहना चाहिए जबकि 6 से 17 साल के बच्चों को रोज कम से कम 60 मिनट जरूर खेलना चाहिए। शारीरिक रूप से एक्टिव रहना चाहिए।
दैनिक भास्कर के 19 जनवरी के अंक में आउट डोर एक्टिविटी और सेहत से जुड़ा लेख प्रकाशित किया गया था, जिस पर बड़ी संख्या में पाठकों ने सवाल पूछे हैं इनके जवाब दे रही हैं अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन की सेक्रेटरी और पीडियाट्रिक्स की प्रोफेसर डॉ. गार्गी पटेल।
सवाल. 12 साल का बेटा मोबाइल छीनने पर शरीर पटकने लगता है। एक घंटे भी मोबाइल से दूर नहीं रहता। गेमिंग वीडियो देखता है। क्या करें?
जवाब. अपने बच्चे को दौड़ने और खेलने में समय बिताने के लिए पार्क या पास के खेल के मैदान में ले जाएं। इसके अलावा भोजन के समय, पढ़ाई के घंटों के दौरान, सोने के समय या जब बाहर जाने और खेलने का समय हो तो फोन का इस्तेमाल करने से रोकें। कई माता-पिता स्वयं स्मार्टफोन पर काफी समय बिताते हैं। ऐसे मामलों में, बच्चों को मोबाइल का उपयोग न करने के लिए कहना मदद नहीं कर सकता है, क्योंकि वे माता-पिता के नक्शेकदम पर चलने के लिए बाध्य हैं। इसलिए स्वयं के मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करके बच्चे के लिए अच्छा रोल मॉडल बनें।
सवाल. बेटा 6 साल का है। पढ़ने लिखने में अच्छा है, लेकिन हाइपर एक्टिव है। उसे कैसे नियंत्रित करें?
जवाब. यह एडीएचडी (ADHD) हाे सकता है। वर्तमान में अधिकांश बच्चों में यह समस्या देखने को मिलती है। इससे पीड़ित बच्चा बहुत ज्यादा बोलता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है, अपनी उम्र से बड़ी बातें करता है और काफी शरारती व जिद्दी हो जाता है। इस स्थिति में पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं। एडीएचडी से जूझ रहे बच्चों की बात को ठीक से सुनना बहुत जरूरी होता है। कई बार ऐसा होता है कि वह आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ कहना चाहते हैं, पर जब उन्हें अच्छा रेस्पॉन्स नहीं मिलता तो, वह हाइपर हो जाते हैं। अगर आपका बच्चा भी इस समस्या से पीड़ित है तो, आपको उसे खेलकूद व आउटडोर एक्टिविटी में ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखना चाहिए।
सवाल. जुड़वां बच्चे हैं उनकी इम्यूनिटी बहुत कमजोर है। काफी प्रयास करने के बाद भी बाहर खेलने नहीं जाते?
जवाब. यदि शुरुआत से ही बच्चों में अच्छी डाइट और एक सही रूटीन की आदत बनाई जाए तो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खुद-ब-खुद कम हो जाती हैं। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से सेहत बनी रहती है और बीमार होने की संभावना भी बहुत हद तक कम हो जाती है। बच्चों के लिए हेल्दी डाइट काफी ज्यादा जरूरी होता है। ऐसे में उनके आहार में पोषक तत्वों से युक्त फल और सब्जियों को शामिल करना न भूलें। गाजर, बीन्स, संतरा और स्ट्रॉबेरी में कैरोटीनॉयड पाया जाता है, जो इम्यूनिटी बूस्टिंग फाइटोन्यूट्रिएंट्स के रूप में जाने जाते हैं। शाम को प्रकृति के बीच उन्हें घुमाने के लिए ले जाएं या उनके साथ प्ले ग्राउंड में छोटे-मोटे खेलों में हिस्सा ले।
सवाल. 13 साल की बेटी विचारों में खोई रहती है। बहुत कम खाती है। क्या सोचती है बताती नहीं। हम उसे कैसे ठीक करें?
जवाब. ऐसे खेलों को प्राथमिकता दें जो बच्चे की एकाग्रता को उत्तेजित करें। सरल नियमों के साथ छोटे खेलों के साथ प्रारंभ करें और फिर खेल की अवधि बढ़ाएं। आप कुछ आहार परिवर्तनों को भी आजमा सकते हैं। भोजन को स्नैक्स के साथ पांच से छह छोटे भोजन में विभाजित करें
सवाल. 4 साल की बच्ची बोल नहीं पाती है। उचित उपाय बताएं?
जवाब. मुंह, जीभ या पैलेंट में कोई दिक्कत होने की वजह से स्पीच डिले हो सकता है। वहीं स्पीच एंड लैंग्वेज डिसऑर्डर के कारण भी यह समस्या होती है। जब बच्चे ठीक तरह से सुन नहीं पाते हैं तो उन्हें शब्द बनाने में भी दिक्कत होती है। इसके अलावा नसों से संबंधित कुछ विकार भी स्पीच के लिए जरूरी मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके लिए विशेषज्ञ से मिलें।
सवाल. 14 महीने के बेटे का वजन 8 किलो है। काफी कमजोर है। उसका वजन कैसे बढ़ा सकते हैं?
जवाब. उसे दिन में 3 बार भोजन कराना चाहिए। भोजन में फल, सब्जी, टोस्ट, ब्रेड या सादा दही आदि शामिल करें। जब तक बच्चा कम से कम 2 साल का नहीं हो जाता, तब तक उसे जितना हो सके स्तनपान कराना जारी रखें।
सवाल. डेढ़ साल का बेटा अभी चल नहीं पाता है। उसे चलना कैसे सिखाएं?
जवाब. आमतौर पर बच्चे 9 से 12 महीने में चलना शुरू कर देते हैं। पर कुछ बच्चे 15 महीने में भी चलना शुरू करते हैं। कई बार आनुवांशिक गुणों के कारण भी बच्चे देर से चलना शुरू करते हैं। सामान्य बच्चों की तुलना में यदि आपका बच्चा 2 से 3 महीने बाद चलना शुरू करता है तो पीडियाट्रिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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