पिछले कुछ महीनों से सूर्य पर विस्फोट होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को यहां एक बड़ा धमाका हुआ, जो लगातार 8 घंटे चला। इसे NASA की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी और SOHO ऑब्जर्वेटरी ने रिकॉर्ड किया। विस्फोट का असर धरती के दक्षिण पूर्वी एशिया इलाके और जापान में भी दिखाई दिया। आशंका है कि धमाके की वजह से बना सोलर स्टॉर्म 15 जून यानी बुधवार को पृथ्वी से भी टकरा सकता है।
सोलर स्टॉर्म क्या है?
यह सूरज से निकलने वाला ऐसा रेडिएशन है जो पूरे सौरमंडल को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। यह धरती की मैग्नेटिक फील्ड पर असर करने वाली आपदा है। इससे पृथ्वी के आसपास के वातावरण की ऊर्जा पर भी असर पड़ता है। सोलर स्टॉर्म कई कैटेगरी के हो सकते हैं।
कई देशों में हुआ रेडियो ब्लैकआउट
वैज्ञानिकों का कहना है कि कल हुए सोलर विस्फोट के चलते जापान और दक्षिण पूर्वी एशिया के कई देशों में शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हुई। दरअसल, धमाके में निकलने वाले सोलर फ्लेयर ग्रहों को भी प्रभावित करते हैं। स्पेस वेदर वेबसाइट के मुताबिक, सोलर फ्लेयर से अंतरिक्ष में प्लाज्मा और मैग्नेटिक फील्ड का निकास भी हुआ था। प्लाज्मा की रफ्तार तो करोड़ों किलोमीटर प्रति घंटे की थी।
कल टकरा सकता है जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म
अमेरिका के नेशनल ओशिएनिक एट्मोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने एक चेतावनी जारी कर कहा है कि अगले एक हफ्ते में पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड हिल सकती है। यहां G-1 और G-2 क्लास के जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म आ सकते हैं, जो कि कमजोर से मीडियम स्टॉर्म कहलाते हैं।
वहीं, भारत के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इन स्पेस साइंस के अनुसार, 645 से 922 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से 15 जून को धरती से सोलर स्टॉर्म के टकराने की आशंका है। इसका असर कुछ दिनों तक बना रहेगा।
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