रोजमर्रा की जिंदगी में हम कई बातों को व्यक्तिगत रूप से लेते हैं। किसी नकारात्मक घटना के लिए खुद को जिम्मेदार मानने लगते हैं, भले ही ऐसा न हो। अक्सर यह भी सोचते हैं कि दूसरा हमारे बारे में क्या सोच रहा होगा? हमारी यह सोच ज्यादातर गलत ही होती है। यह हमारी भावनाओं, अतीत की घटनाओं और संदेह पर आधारित होती हैं।
चीजों को व्यक्तिगत रूप से लेने की ये आदत हमारे भावनात्मक और व्यावहारिक दरवाजे भी बंद कर देती है। सीबीटी थेरेपिस्ट जोएल मिंडेन बता रहे हैं कि ऐसी स्थिति में क्या करें...
भावनाओं पर बहस नहीं की जा सकती, आप महसूस करते हैं
भावनाओं और विचारों के बीच महीन अंतर है। भावनाएं एक शब्द में बताई जा सकती है। जैसे घबराहट, खुशी, आश्चर्य। वहीं विचार भावनाओं का अनुसरण करते हैं। आप किसी के साथ डिनर कर रहे हैं और वह चुप है तो आपको लगता कि उसे बात करना पसंद नहीं है। यह विचार है जो सच नहीं है। याद रखें, भावनाओं पर बहस नहीं की जा सकती। आप महसूस करते हैं। भले ही ऐसा न चाहें।
जब आप व्यक्तिगत होने लगें तो संकेत पहचान लें
अगली बार मुश्किल भावना महसूस करें तो विचारों से तालमेल बैठाएं। मान लें, खरीदी के दौरान उस परिचित से मिलते हैं, जिसे लंबे समय से नहीं देखा। बातचीत के बाद आपको लगता है कि वह आपके जीवन में अहम नहीं है। ऐसे में इन भावनाओं को परखें। देखें कि क्या आप उस विचार पर पहुंच सकते हैं जिससे यह भावना निकली है। सबसे बेहतर है ज्यादा जरूरी बात पर ध्यान दिया जाए।
विचारों के पक्ष और विपक्षी प्रमाणों की सूची बनाएं
आपके विचार आपकी सोच के पूर्वाग्रहों को बता सकते हैं। इसलिए अपने विचारों के पक्ष और विपक्ष में प्रमाणों की सूची बनाएं। इससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि मूल समझ के साथ ही बने रहना है या ज्यादा प्रशंसा वाले विकल्प के साथ जाना है। सामाजिक स्थितियों के बारे में गुमराह करने वाले विचार आपकी आदत बन सकते हैं। इसलिए जितना हो सके, इनसे बचें।
खुद से पूछें क्या उपयोगी है? अनिश्चितता को स्वीकारें
अपने विचारों काे जानने, चुनौती देने और बदलने का मौका मिला है तो पता लगाएं कि आपके लिए क्या जानना या करना उपयोगी होगा। पूर्वाग्रह वाले विचारों का अनुमान लगाकर आप उन्हें व्यक्तिगत रूप से लेने से बच सकते हैं। अनिश्चितता को स्वीकारें। आप हमेशा यह नहीं जान सकते कि लोग आपके बारे में क्या सोच रहे हैं, लेकिन यह तय कर सकते हैं कि खुद से कैसा बर्ताव करेंगे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.