दुनिया भर में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत में मंगलवार को कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 670 हो गई है। ऐसे में हम महामारी की तीसरी लहर से लड़ने के लिए कितने तैयार हैं, इस पर गौर करना जरूरी है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में दावा किया है कि ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर ICU बेड, देश में सभी चीजें पर्याप्त रूप से उपलब्ध हैं। लेकिन 2021 के ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी इंडेक्स की मानें, तो महामारी जैसी स्थितियों में भारत का रिस्पॉन्स अच्छा नहीं होता है।
ये कहता है ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी (GHS) इंडेक्स
GHS इंडेक्स के अनुसार, दुनिया ने कोरोना महामारी से सबक नहीं लिया है। भारत समेत सभी इंकम लेवल के देश भविष्य में महामारी के खतरे से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। 2019 के बाद से इस इंडेक्स में भारत का प्रदर्शन 11.8 पॉइंट्स गिर गया है। फिलहाल हमारा स्कोर 100 में से 30.3 है, जो विश्व के औसतन स्कोर 37.6 से भी कम है।
GHS इंडेक्स छह वर्गों में देशों का आकलन करता है। ये हैं- रोकथाम, पहचान और रिपोर्टिंग, तेज रिस्पॉन्स, स्वास्थ्य प्रणाली, अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का अनुपालन और जोखिम का माहौल।
यह रिपोर्ट अगस्त 2020 से जून 2021 के डेटा से तैयार की गयी है। इस बीच भारत में कोरोना की दूसरी लहर आई थी। अप्रैल से जून 2021 तक देश के हेल्थकेयर सिस्टम पर काफी हद तक दबाव था। इस समय अस्पतालों में गंभीर दवाओं और ऑक्सिजन सप्लाई की भारी कमी हो गई थी।
केंद्र का दावा- भारत तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार
कानपुर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने अपनी एक स्टडी में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर 3 फरवरी, 2022 को अपने पीक पर होगी। इसका मतलब तीसरी लहर जल्द ही देश में आ सकती है।
इस चर्चा के बीच सरकार ने कई तरह की रिपोर्ट्स जारी कर ये दावा किया है की देश के हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रयत्न किए जा रहे हैं। भारत की मेडिकल ऑक्सिजन क्षमता में 28% की बढ़त आई है। साथ ही, 1,563 ऑक्सिजन जनरेशन प्लांट्स को भी अनुमति मिली है। ये प्लांट्स रोजाना 1 लाख से ज्यादा बेड्स को सपोर्ट दे सकेंगे।
मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो वैक्सीन कोर्बेवैक्स, कोवोवैक्स और एंटी-वायरल ड्रग मोलनुपिराविर के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी है। देश में 15 से 18 साल के बच्चों को 3 जनवरी से कोवैक्सिन लगाई जाएगी। इसके अलावा, 10 जनवरी से हेल्थकेयर वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के उन लोगों को तीसरी डोज लगाने का फैसला किया गया है, जो पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे हैं।
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