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डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें लगभग 60 फीसदी मरीजों में लक्षण ही नहीं दिखाई पड़ते हैं। ऐसे में इसकी पहचान दो तरह से होती है। पहला, कुछ खास लक्षणों के आधार पर और दूसरा खून की जांच से।
ब्लड टेस्ट में यदि खाली पेट शुगर 126 से अधिक और खाने के दो घंटे के बाद 200 से अधिक है तो इंसान डायबिटिक है। अगर खाली पेट शुगर 100-125 है और खाने के दो घंटे के बाद 140- 199 है तो इसे प्री-डायबिटीज कहते हैं। ऐसे में सतर्क हो जाना चाहिए।
14 नवम्बर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। इस मौके पर इंदौर के टोटल डायबिटीज हार्मोन इंस्टीट्यूट के डायबिटोलॉजिस्ट और हार्मोन एक्सपर्ट डॉ. सुनील एम जैन बता रहे हैं, डायबिटीज से जुड़ी हर जरूरी बात...
सबसे पहले डायबिटीज के कारण और टाइप को समझें
डायबिटीज के तीन कारण हैं। पहला अनुवांशिक, दूसरा शारीरिक मेहनत की कमी और तीसरा मोटापा। पेट के आसपास चर्बी खतरनाक होती है। कई बार अलग-अलग स्थितियों में डायबिटीज भी होती है। जैसे - गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज। यह बाद में ठीक हो जाती है।
डायबिटीज की वजह और प्रकार
डायबिटीज मुख्यत: दो प्रकार की होती है।
लाइफस्टाइल ऐसी हो : डायबिटीज नहीं है तो भी हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करें
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन के अनुसार व्यक्ति जितना अधिक शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाता है इंसुलिन की सेंसिटीविटी उतनी ही बढ़ती है। जानी-मानी विले ऑनलाइन लाइब्रेरी में व्यायाम को लेकर ये सुझाव दिए गए हैं।
एक्सरसाइज का सबसे बेहतर समय
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक, डायबिटीज मरीज के लिए खाने के एक से तीन घंटे बाद एक्सरसाइज करना सबसे बेहतर है। इस समय इंसुलिन बढ़ा होता है। एक्सरसाइज के पहले ब्लड शुगर चेक करना चाहिए। शुगर लेवल 100 है तो फल का एक टुकड़ा खाकर एक्सरसाइज करनी चाहिए। जिससे हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी से बचा जा सके।
अच्छी नींद और डाइट बहुत असरदार होती है
ऑक्सफोर्ड के अनुसार, नींद और इंसुलिन का आपस में गहरा संबंध है। संस्थान में 16 ऐसे लोगों पर प्रयोग किया गया जो नींद पूरी नहीं ले पा रहे थे। इनके सोने के घंटों में एक घंटे की वृद्धि जब की गई तो इंसुलिन पर अच्छा असर दिखा।
डाइट ऐसी होनी चाहिए
डायबिटीज के मरीजों को अपनी जरूरत की कैलोरी की 50% पूर्ति बिना स्टार्च वाले आहार से, 25% प्रोटीन वाले और 25% पूर्ति वसा वाले आहार से करनी चाहिए। प्रोटीन युक्त आहार में सभी प्रकार की दालें, अंकुरित अनाज, अंडे का सफेद हिस्सा डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हैं। अधिक रेशायुक्त आहार जैसे हरी सब्जियां और सलाद भी ग्लूकोज कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
तनाव से दूर रहें क्योंकि इसका असर ब्लड शुगर पर पड़ता है
कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि तनाव से कुछ ऐसे हार्मोन्स निकलते हैं जिनसे डायबिटीज की बीमारी होने का खतरा बढ़ता है। ऐसे में योग स्ट्रेस मैनेजमेंट का सबसे सटीक तरीका है। नियमित योग करने से डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है। सेंसिटिविटी बढ़ने का मतलब है कि शरीर मौजूदा इंसुलिन का इस्तेमाल बेहतर तरीके से करेगा।
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