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‘किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए, जुबां पर राधा राधा नाम हो जाए’
कृष्ण को बुलाना हो तो राधा को मानना पड़ेगा। नहीं तो काम नहीं चलेगा सच्ची भक्ति में बहुत शक्ति होती है। इसलिए जब भी भक्ति करो तो सच्चे मन से करो। यह बात नई अनाज मंडी में चल रहे श्याम कथा महोत्सव के अंतिम दिन कथावाचक जया किशोरी ने कही।
जया किशोरी ने नानीबाई के बारे में कहा कि जब नानीबाई का विवाह हुआ उसके बाद कभी अपने माता-पिता से भी नहीं मिली। जबकि बाप-बेटी का संबंध आलौकिक होता है। पिता के लिए जो बेटी करती है वो काम बेटे नहीं करते। उन्होंने बताया बेटी को बेटे से कम मत रखो। बेटा हो तो उत्सव और बेटी होते शोक मत करिए। उन्होंने कहा कि बेटा जब तक रहता है जब तक शादी नहीं हो जाती। बेटी जिंदगी भर बेटी रहती है। जया भजन गया कि किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए, जुबां पर राधा राधा नाम हो जाए पर हजारों श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर किया। इस मौके पर भीम जैन, सत्यवीर गुप्ता, राकेश गर्ग, नंदकिशोर सिंगल, विनोद बंसल, राकेश गोयल, राकेश बंसल, नवीन बंसल, विनय जैन, कुलदीप राठी, अमित सेहल, नंदकिशोर सिंघल, राजेश कुमार, सुभाष गुप्ता, साहब बंसल, अनिल बंसल, प्रदीप शर्मा, सभी धार्मिक संस्थाएं शामिल रही।