चुनाव में ग्रामीण विधानसभा में कोई बड़ी रैली न होने और स्थानीय नेताओं का भाजपा प्रत्याशी महीपाल ढांडा का सहयोग नहीं करने की बात अब सार्वजनिक रूप से सामने आई है। विधानसभा चुनाव की समीक्षा और नए जिला अध्यक्ष के चुनाव को लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की गुरुवार को अलग-अलग बैठक हुई। महीपाल ढांडा के सेक्टर-18 स्थित कार्यालय में हुई बैठक में यमुनानगर के विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में ग्रामीण एरिया में न कोई बड़ी रैली हुई और न ही स्थानीय नेताओं ने ढांडा का विशेष सहयोग दिया। फिर भी महीपाल ढांडा ने अपने काम की बदौलत जीत दर्ज की। चुनाव के दौरान ग्रामीण विधानसभा में पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह फिर कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली तय हुई, लेकिन बड़े नेताओं की दखल के बाद रैली रद्द कर दी गई।
वहीं, शहरी विधायक प्रमोद विज के कार्यालय में हुई बैठक में शहर के वोटरों को जीत के लिए धन्यवाद दिया गया और नए जिला अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा हुई। 15 दिसंबर से पहले नए जिला अध्यक्ष का चुनाव होगा। इससे पहले वर्तमान अध्यक्ष ही मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति करेंगे। दोनों जगह हुई शक्ति केंद्र प्रमुखों, पालकों, पार्षदों व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक में विधायक घनश्यामदास और जिला प्रभारी अजय गौड़ शामिल हुए।
15 दिसंबर तक चुना जाएगा जिला अध्यक्ष, भाटिया अाैर गैर-भाटिया कैंप के बीच लड़ाई
पानीपत. सेक्टर-18 में भाजपा की समीक्षा बैठक काे संबाेधित करते विधायक महीपाल ढांडा।
दावेदारों की सूची लंबी, लेकिन भाटिया-ढांडा की गुटबाजी तय करेगा रुख
दावेदारों की सूची लंबी है। इसमें पार्षद लोकेश नांगरू, भाटिया कैंप से नवीन भाटिया व तरुण गांधी के साथ ही अन्य में किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष व पार्षद संजीव दिया के साथ कुछ नाम और भी हैं। वहीं, पूर्व जिला अध्यक्ष गजेंद्र सलूजा की रुचि अध्यक्ष की बजाय चेयरमैनी में है। लेकिन एक बात तय है कि जिला अध्यक्ष के चुनाव का रुख सांसद संजय भाटिया और ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा की गुटबाजी तय करेगी। दोनों एक-दूसरे को काटने में लगे हैं। इसलिए यह तय है कि दोनों एक-दूसरे की पसंद को काटने का प्रयास करेंगे।
पानीपत. घनश्याम दास अराेड़ा अाैर जिला प्रभारी अजय गाैड़ का स्वागत करते विधायक प्रमाेद विज व कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र दत्ता।
जाट अाैर पंजाबी छोड़ किसी दूसरी जाति काे मिल सकता है जिला अध्यक्ष का पद
संभव है कि इस बार जिला अध्यक्ष का पद गैर जाट और गैर पंजाबी को मिले। क्योंकि, पंजाबी समुदाय से सांसद और शहर से विधायक हैं। ग्रामीण से जाट विधायक हैं। इसलिए, संभावनाएं हैं कि पार्टी किसी गैर-जाट और गैर-पंजाबी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे सकती है।
इनको दी जा सकती है जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी
पार्टी अगर अग्रवाल समाज की ओर देखती है कि महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष डॉ. अर्चना गुप्ता पहली पसंद हो सकती हैं। इसके अलावा बीसी की ओर रुख करती है तो पार्षद दुष्यंत भट्ट और पंडित-ब्राह्मण की ओर देखें तो कार्यकारी जिला अध्यक्ष देवेंद्र दत्ता के साथ ही समालखा से शशिकांत कौशिक को जिम्मेदारी मिल सकती है।