जाटल पंचायत की शिकायत पर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) ने बेशक थर्मल प्रशासन को राख उठाने और उसकी व्यवस्था पर क्लीन चिट दे दिया, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने थर्मल प्रशासन का एक्शन प्लान ठुकरा दिया है। मंगलवार को हुई सुनवाई में एनजीटी ने थर्मल प्रशासन से कहा कि वह कोई शार्ट टर्म एक्शन प्लान लेकर आए। इससे पहले थर्मल प्रशासन ने 10 साल में राख का डिस्पोजल करने का एक्शन प्लान एनजीटी को दिया था। स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानीपत रीजन के एसडीओ प्रदीप कुमार मंगलवार को हुई सुनवाई के लिए एनजीटी में पेश हुए थे। प्रदीप कुमार ने बताया कि एनजीटी ने 31 जनवरी तक थर्मल को शाॅर्ट टर्म एक्शन प्लान मांगा है। थर्मल की बंद हो चुकी यूनिट-1 से 4 की राख डाइक ए के 595 एरिया में पड़ी हुई है। जो 25 मीटर ऊंची परत के रूप में 332 लाख मीट्रिक टन है। जाटल पंचायत ने एनजीटी में थर्मल की राख की शिकायत की थी।
सालाना 10 लाख टन ही उठती है राख, : चीफ इंजी.