रोहतक | ठंड बढ़ने के साथ-साथ कोहरे ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है। वहीं नेशनल हाईवे और शहर की ज्यादातर सड़कों से सफेद पट्टी गायब है। जिस कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है। धुंध में वाहन चालकों को पता ही नहीं चलता कि वो कब चलते-चलते सड़क से नीचे उतर जाते हैं। इसके अतिरिक्त हाईवे पर बने अवैध कट और टर्न भी काफी खतरनाक साबित हो सकते है। कटों और टर्न पर साइन बोर्ड और रिफ्लेक्टर भी नहीं लगाए गए हैं। ज्यादातर कटों पर पुलिस के जवान भी नहीं रहते। स्मॉग और धुंध में हादसों को कम करने के लिए नगर निगम से लेकर ट्रैफिक पुलिस और आरटीए सभी के पास बजट आता है, लेकिन खर्च कहां होता है इसका कोई हिसाब नहीं है। प्रशासन की तैयारी नहीं होने के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है। साफ मौसम और गर्मी के मौसम में हर माह लगभग 30 दुर्घटनाएं यानि राेजाना में एक होती है। लेकिन स्मॉग शुरू होते ही दुर्घटनाएं का ग्राफ बढ़ता चला जाता है। स्मॉग के दौरान राेजाना 2 से 3 दुर्घटनाएं होती है। वहीं सड़क से गाड़ी उतरना और सामान्य हादसे होते रहते है।
कहीं साइन बोर्ड तो कहीं रिफ्लेक्टर तक हुए गायब
अंबेडकर चौक पर एलीवेटेड से उतरते वक्त साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टिंग बोर्ड, पुलिस कर्मी की तैनाती की कमी हादसों का कारण बन रही है। वाहन चालकों के लिए धुंध का खतरा शुरू हो चुका है। धुंध को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस प्रशासन की ओर से वाहन चालकों की सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है। यहां पर है डेंजर कट: हाईवे पर कई ऐसे कट और टर्न हैं, जहां दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं। दिल्ली रोड से आईएमटी की ओर जाते वक्त, लाखनमाजरा में नहर के पास कट, कलानौर कॉलेज मोड़ पर डेंजर कट हैं। रोड सेफ्टी की हर मीटिंग में यहां व्यवस्था सुधारने का एजेंडा उठता है।
कोहरे छाने से पहले ही सड़कों से सफेद पट्टी गायब अब तक प्रशासन ने कमेटी की मीटिंग भी नहीं बुलाई
पिछले 3 साल में जिले में हुए सड़क हादसों में इतने लोग गंवा चुके हैं जान
वर्ष
हादसे
2016
मौत
521
2017
213
511
2018
406
घायल
308
225
286
176
230
यहां गड्ढे भी हादसों को दे रहे न्योता
सड़कों पर सफेद पट्टी का नहीं होना खतरनाक है। सड़कों पर बने गहरे गड्ढे भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। जिले के कई प्रमुख रास्तों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं। इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारी पता हुए भी चुप्पी साधे है। न ही इन गड्ढों को भरने की कोई योजना नहीं बना रहे। कच्चा बेरी रोड पर शहर के अंदर के क्षेत्र में काफी गड्ढे हैं। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हादसे को न्योता दे हैं।
शहर में इन इलाकों के रोड से मिट चुकी है सफेट पट्टी
सरकुलर रोड पर शिवाजी कॉलोनी चौक से लेकर सुनारिया तक सफेद पट्टी नहीं लगाई गई। कुछ हिस्सों में पट्टी दिख तो रही हैं, लेकिन धुंध में दृश्यता कम होने पर वाहन के अंदर से पट्टी दिखाई नहीं देती। शहर के अंदर वाले हिस्सों में तो ये पट्टी दिखाई ही नहीं देती। सोनीपत रोड पर सफेद पट्टी नहीं हैं। भिवानी रोड हाईवे की शुरुआत से ही कोई पट्टी नहीं है। फ्लाईओवर पर कहीं साइड की कुछ पट्टी हैं तो कहीं मध्य की हैं। फ्लाईओवर से लेकर नहर तक फिर पट्टी नहीं हैं। झज्जर रोड पर मायना गांव तक कहीं भी सफेद पट्टी नहीं हैं। सड़क के किनारे पट्टी हैं और ही मध्य में पट्टी हैं।