ग्लोबल स्तर पर बढ़ती स्पोर्ट्स इंडस्ट्री और इसके प्रबंधन को लेकर अब प्रोफेशनल्स की जरूरत खलने लगी है। इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए आईआईएम रोहतक ने स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की पढ़ाई करवाने का फैसला लिया है। देशभर के 19 आईआईएम में से सिर्फ रोहतक आईआईएम में एक्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट को दो वर्षीय कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स के जरिए स्टूडेंट्स को एडवांस स्पोर्ट्स मार्केटिंग, स्पोर्ट्स कोचिंग पॉलिसी, स्पोटर्स फाइनेंस एंड बिजनेस जैसे विषयों को भी पढ़ाया जाएगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते भारतीय खेल उद्योग को बेहतर तरीके संचालित किया जा सके। सबसे खास बात यह है कि इस कोर्स में एशियन, कॉमनवेल्थ और ओलंपिक में खेल चुके खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप भी दी जाएगी। दरअसल भारतीय खेल उद्योग इस समय 1899 मिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच चुका है। इसमें बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए ही आईआईएम रोहतक ने कुछ समय पहले स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स शुरू करने की घोषणा की थी।
कोर्स की जरूरत इसलिए
2009 में आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में जो क्रांति रची, उसके बाद एक नई खेल इंडस्ट्री में मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की डिमांड भी बढ़ गई। अब तक सिर्फ क्रिकेट लीग ही अपनी विशेष पहचान बना पाई है, अन्य लीग पिछड़ रही हैं। नए खेलों में भी प्रेाफेशनल लीग की संभावना है, जबकि कबड्डी, शॉकर, बैडमिंटन और टेनिस की लीग उतना काम नहीं कर पाई हैं। अब इस कोर्स के जरिए स्पोर्ट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर तरीके से प्रयोग करने, स्पोर्टिंग इवेंट अच्छे से आयोजित करवाने, अंतरराष्ट्रीय खेलों के नियम और कानूनों की जानकारी, एडवांस स्पोर्ट्स मार्केटिंग, स्पोर्ट्स कोचिंग पॉलिसी, स्पोटर्स फाइनेंस एंड बिजनेस जैसे विषयों को भी पढ़ाया जाएगा।
दो वर्षीय कोर्स कराने वाला देश का पहला संस्थान
एक्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के लिए 60 सीटें तय की गई है। यह दो वर्षीय कोर्स ऑनलाइन आैर ऑफलाइन दोनों मोड में होगा। इसके अलावा लाइव प्रोजेक्ट, इंडस्ट्रीयल विजिट को भी शामिल किया गया। यानि कुल 560 इंटरेक्टिव सेशन लगाए जाएंगे। इसके लिए करीब साढ़े छह लाख रुपए फीस भी तय की गई है। खास बात यह है कि देश केे किसी भी आईआईएम ने इस दो वर्षीय कोर्स को शुरू नहीं किया है। कुछ अन्य संस्थान कोलकाता, ग्वालियर और दिल्ली से शॉर्ट टर्म कोर्स जरूर करवाते हैं। सिर्फ 50 फीसदी अंकों के साथ बैचलर डिग्री कर चुके युवा इस कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स स्पोर्ट्स इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स मार्केटिंग मैनेजर, स्पोर्ट्स एजेंट, स्पोर्ट्स टैलेंट मैनेजर्स, स्पोर्ट्स एनालिस्ट, मीडिया एंड कम्युनिकेशन मैनेजर्स के अलावा कई क्षेत्रों में अपना कॅरियर बना सकेंगे।
इंग्लैंड-आॅस्ट्रेलिया से फैकल्टी भी मंगवाई
आईआईएम में फिलहाल इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया से फैकल्टी भी मंगवाई गई है। इसमें इंग्लैंड से डेविड हसन, आस्ट्रेलिया से हैंस वेस्टरब्लीक और अमेरिका से भी फैकल्टी को लिया जा रहा है। वहीं पाठ्यक्रम को भी ग्लोबल स्तर पर तैयार किया गया है। पाठ्यक्रम को भी विदेशों में चल रहे स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के संस्थानों के स्पोर्ट्स विशेषज्ञों की राय और डायरेक्टर आईआईएम ने मिलकर ही तैयार करवाया है। इसका मकसद स्टूडेंट्स को ग्लोबल विजन केे साथ तैयार करना है।
स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में प्रोफेशनल्स की डिमांड

स्पोर्ट्स इंडस्ट्री काे बेहतर तरीके से चलाने और उसके व्यापारिक पहलुओं से निपटने के लिए स्पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स की जरूरत महसूस की गई है। इसी के चलते आईआईएम रोहतक ने विभिन्न क्षेत्रों को देखते हुए दो वर्षीय स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रोग्राम शुरू किया है। - प्रो. धीरज शर्मा, डायरेक्टर, आईआईएम रोहतक।