हेल्थ डेस्क. अब अच्छा बैक्टीरिया बुरे बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाएगा। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने ऐसी नोज ड्रॉप बनाई है जिसमें काफी संख्या में ऐसे गुड बैक्टीरिया हैं जो मेनिनजाइटिस के संक्रमण को रोकेंगे। इसे ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च के साउथैम्पटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर ने तैयार किया है। दुनिया में पहली बार ऐसी ड्रॉप तैयार की गई है और हाल ही में इसका ट्रायल भी किया गया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक ड्रॉप में खास तरह का बैक्टीरिया है जो संक्रमण से लड़ने का काम करता है। मेनिनजाइटिस यानि दिमागी बुखार एक संक्रामक रोग है जो किसी भी उम्र वर्ग के लोगों को हो सकता है। लेकिन इसके सबसे ज्यादा मामले नवजात और छोटे बच्चों में देखे जाते हैं। ये बैक्टीरिया और वायरस से फैलता है। इसे खतरनाक रोग माना जाता है क्योंकि कई बार मेनिनजाइटिस के इलाज में घंटे भर की देरी भी जानलेवा हो सकती है
वैज्ञानिकों के अनुसार निसेरिया लेटक्टमिका नाम का बैक्टीरिया नाक के जरिए होने वाले संक्रमण से बचाता है। ये मेनिनजाइटिस बीमारी का कारण बनने वाली बैक्टीरिया निसेरिया मेनिनजाइटिडिस से बचाता है। युवाओं में करीब 10 फीसदी ऐसे बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो मेनिनजाइटिस के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये नाक और गले में होते हैं। कुछ मामलों में ये रक्त में मिलकर जान को जोखिम में डालने वाले संक्रमण की स्थिति बनाते हैं। इसके अलावा ब्लड पाॅइजनिंग का कारण भी बनते हैं जिसे सेप्टिसीमिया कहते हैं।
ब्रिटेन में मेनिनजाइटिस से हर साल होती हैं 1500 मौतें
ब्रिटेन में हर साल बैक्टीरिया से होने वाले मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस से 1500 मौतें होती हैं। साउथैम्पटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर रॉबर्ट के अनुसार, ऐसा देखा गया है कि नाक में निसेरिया लेटक्टमिका बैक्टीरिया होने पर इसका इम्यून रिस्पॉन्स इतना तेज होता है कि नुकसान पहुंचाने वाले जीवाणु को रोका जा सकता है। ऐसा कई मरीजों में देखा भी जा चुका है। ऐसे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाकर रोग का खतरा कम किया जा सकता है।
नाक में ड्रॉप के जरिए संक्रमण रोकने का तरीका भविष्य में एक थैरेपी की तरह होगा। जिसकी मदद से ऐसी बीमारियों को रोकने में मदद मिलेगी जो नाक के जरिए शरीर में फैल सकती हैं। जैसे निमोनिया और कानों से जुड़ी बीमारियां।
क्या है मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस
निसेरिया मेनिंजाइटिडिस बैक्टीरिया को मेनिंगोकोकल भी कहते हैं। यह शरीर में पहुंचकर त्वचा, आहार नाल, श्वांसनलिका में संक्रमण फैलाती है। कई मामलों में बैक्टीरिया रक्त के माध्यम से दिमाग तक पहुंच जाता है और जान का खतरा बन जाता है। अचानक तेज बुखार, लगातार सिरदर्द होना, गर्दन में अकड़न और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। त्वचा पर लाल चकत्ते होना रक्त में संक्रमण का लक्षण है।
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