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चंडीगढ़. लोग शादी करने से पहले कुंडली मिलाते हैं, उसके बाद सात फेरे लेते हैं। लेकिन, अब जमाना बदल गया है। शादी की कुंडली के साथ-साथ मेडिकल कुंडली भी मिलाना जरूरी हो गया है। इसकी वजह यह है कि जिनकी शादी होती है उन दोनों पार्टनर में से किसी एक को भी एचआईवी पॉजिटिव है तो दूसरे पार्टनर को एचआईवी पॉजिटिव हो जाता है।
इस तरह के कई मामले देशभर में सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि अब शादी करने से पहले मेडिकल कुंडली मिलाना जरूरी हो गया है। यह कहना है मेडिकल कुंडली को लेकर लोगों को अवेयर करने वाले डॉ. अनिल नौसरवान का।
डॉ नौसरवान के इस अभियान को देशभर के इंडियन मेडिकल एसोसिएशंस सपोर्ट कर रहे हैं। बीती रात वे सेक्टर-35 स्थित आईएमए में पहुंचे, जहां उनका आईएमए चंडीगढ़ चैप्टर के प्रेसिडेंट डाॅ. राजेश धीर ने स्वागत किया। रविवार सुबह वह चंडीगढ़ से शिमला के लिए साइकिल पर रवाना हो गए। डॉ. नौसरवान का कहना है कि बहुत मामलों में लड़कों या लड़कियों में साइकेट्रिक डिसऑर्डर होने की वजह से रिश्ते टूट जाते हैं।
यह टेस्ट करवाना जरूरी
एचआईवी, जीन मेपिंग, जनरल ब्लड टेस्ट, हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरोसिस, साइकेट्रिक डिसऑर्डर, एपिलेप्सी संबंधी टेस्ट
साइकेट्रिक डिसऑर्डर से टूट जाते हैं रिश्ते : इसके अलावा एक और बीमारी थैलेसीमिया है, दोनों पार्टनर में इस बीमारी के एब्नॉर्मल जींस हैं तो आने वाले बच्चे इस बीमारी के होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। यह बच्चे जन्म से लेकर अंत तक इलाज पर निर्भर रहते हैं।
17 घंटे साइकिल चला मेरठ से चंडीगढ़ पहुंचे
डाॅ. अनिल नौसरान मेरठ में बतौर पैथॉलोजिस्ट काम करते हैं। शनिवार सुबह 4 बजे वह मेरठ से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए थे। वह सारे रास्ते साइकिल पर लोगों को मेडिकल कुंडली के लिए अवेयर करते हुए रात को 10 बजे चंडीगढ़ पहुंचे। 1 नवंबर को वे लाल चौक श्रीनगर से कन्याकुमारी तक साइकिल से जाएंगे।
15 दिन के इस सफर में डॉक्टर और लोगों को मेडिकल कुंडली के प्रति अवेयर करेंगे। वह साइकिल के जरिए मेरठ से रुडक़ी, मसूरी, हरिद्वार, बरेली, जयपुर, इलाहबाद का सफर तय कर चुके हैं। भविष्य में वे विदेशों में भी इस अभियान को लेकर जागरूक करने की तैयारी कर रहे हैं।
कैसे आया मेडिकल कुंडली का ख्याल
डॉ. नौसरवान कहते हैं कि उनके पास 20 साल की न्यूली मैरिड लड़की एचआईवी टैस्ट कराने आई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव निकली और टेस्ट करवाए तो पता चला कि उसे उसके पति से एचआईवी एड्स हो गया। तभी से सोच लिया कि लोगों को मेडिकल कुंडली यानी शादी से पहले मेडिकल टेस्ट कराने के प्रति जागरूक करूंगा। यह केस मेरे लिए रेयर होने के साथ-साथ एक प्रेरणा थी। इस केस में अगर लड़के का टेस्ट शादी से पहले करवा लिया होता तो उस लड़की को बचाया जा सकता है खास कर ऐसी बीमारियों में जिनका कोई इलाज नहीं है। आइडिया आने के बाद चुनौती इसे लोगों तक पहुंचाना था। इसके लिए डॉ. नौसरवान ने साइकिल यात्रा कर लोगों को अवेयर करना शुरू किया।
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