- लेक के दिन सुधारने के लिए प्रशासन प्लानिंग तो करता है, लेकिन असल समस्या पर ध्यान नहीं
- एक्सपर्ट कह चुके हैं, जंगली घास लेक के लिए बड़ा खतरा है, इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की
Dainik Bhaskar
Dec 04, 2019, 10:51 AM ISTचंडीगढ़. सुखना लेक को बचाने को लेकर प्रशासन प्लानिंग तो कर रहा है, लेकिन असल में जो दिक्कतें इसको लेकर हैं, उस पर काम नहीं होता। कई बार पहले भी एक्सपर्ट कह चुके हैं कि वीड (जंगली घास) इस लेक के लिए बड़ा खतरा है, लेकिन इसको समय-समय पर निकालने को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं किया गया।
हाल ये कि रेगुलेट्री एंड में कमल के पौधे आधी लेक तक पहुंच गए हैं, लेकिन इनको हटाने को लेकर काम शुरू नहीं किया गया है। इनको हर साल प्रशासन खासतौर से गर्मियों के दौरान हटाता है, पर परमानेंट साॅल्यूशन इसके लिए आज तक कोई नहीं किया गया। पहले जब हाइकोर्ट से दो जस्टिस लेक की विजिट पर पहुंचे थे, तो उस समय भी कमल के पौधों को लेक से हटाने के लिए कहा जा चुका है। पहले भी शहर की संस्थाओं की ओर से सुखना को साफ करने के लिए प्रयास किए गए थे। लोगों की ओर से श्रमदान भी किया जाता रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से पुख्ता व्यवस्था न किए जाने के कारण फिर से सुखना में वीड फैल गई है।