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ऊना. अनंतनाग में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद में हुए राइफल मैन अनिल जसवाल का उनके पैतृक गांव सरोह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस वीर सपूत को सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे शहीद अनिल का शव सेना की गाड़ी में उनके पैतृक गांव सरोह लाया गया।
अनिल की पार्थिव देह को देखकर उसकी पत्नी श्वेता और मां अनीता फूट-फूट कर रोने लगी। जबकि पांच माह का मासूम वरुण इससे पूरी तरह बेखबर था कि उसके पिता देश के लिए कुर्बान हो गए हैं। शहीद के पिता अशोक कुमार ने खुद के साथ-साथ अपनी पत्नी और अनिल की पत्नी को भी संभाला। घर से अंतिम यात्रा निकली और श्मशान घाट पर सेना की टुकड़ी ने शहीद अनिल को शस्त्र उल्टे करके सलामी दी।
इस बीच वंदेमातरम, अनिल अमर रहे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजते रहे। गौर रहे कि सोमवार को अनंतनाग में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चली थी। जिसमें राइफलमैन अनिल जसवाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए श्रीनगर ले जाया गया। लेकिन मंगलवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
इन्होंने दी शहीद को श्रद्धांजलि: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष प्रो. राम कुमार, बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, डीसी संदीप कुमार, एसपी दिवाकर शर्मा, जिला सैनिक कल्याण के डिप्टी डायरेक्टर मेजर रि. रघुवीर सिंह समेत अन्यों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी: ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने राइफल मैन अनिल की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया और परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शहीद के परिजनों को हरसंभव मदद देगी। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
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