- जेटली ने कहा कि 2017-18 में टैक्स कलेक्शन 10.02 लाख करोड़ रहा
- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद जेटली के पास कोई विभाग नहीं है, वित्त मंत्रालय पीयूष गोयल संभाल रहे हैं
नई दिल्ली. स्विस बैंकों में कालाधन जमा करने वालों को शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चेतावनी दी। जेटली ने कहा कि जनवरी 2019 से स्विट्जरलैंड अपने बैंकों में भारतीयों के खातों की रियल टाइम जानकारी देना शुरू कर देगा। कालाधन जमा करने वाले ये जान लें कि कुछ ही महीनों की बात है, जानकारी मिलते ही उनके नाम सार्वजनिक कर दिए जाएंगे और ऐसे लोगों पर कालाधन कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्विस नेशनल बैंक की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वहां के बैंकों में जमा भारतीयों की रकम में 2017 में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है और ये अब 7 हजार करोड़ हो गई है।
स्विस बैंक में जमा हर रकम कालाधन नहीं: एक ब्लॉग में जेटली ने कहा, "कुछ खबरें सामने आईं हैं, जिनमें स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में बढ़ोतरी होने की बात कही जा रही है। कुछ तबकों में इसे लेकर गलत प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं कि सरकार के कालाधन विरोधी कदम बेकार साबित हो गए। लेकिन, राय जाहिर करने वाले पहले ये बुनियादी तथ्य समझ लें कि स्विस बैकों में जमा की गई सारी रकम को कर चोरी या कालाधन समझना बेहद कमजोर धारणा है।"
जेटली के मुताबिक, "कर विभाग द्वारा की गई पुरानी जांचों में ये सामने आया है कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों की रकम में भारतीय मूल के ऐसे लोगों की रकम भी शामिल है, जो अब विदेश में रहते हैं। इसके अलावा एनआरआई द्वारा जमा की गई रकम और उन भारतीयों की रकम भी शामिल होती है, जिन्होंने वैध तरीके से विदेशों में रकम डिपॉजिट की है। इसके अलावा जिस भी भारतीय ने विदेश में गलत तरीके से रकम जमा की होगी, उस पर कार्रवाई होगी। वित्तीय खुलासे करने को लेकर स्विटजरलैंड का नजरिया हमेशा प्रतिकूल ही रहा है। हालांकि, उसने अपने घरेलू कानूनों में बड़े बदलाव किए और ऐसी संधि करने को तैयार हुआ, जिसमें भारतीयों के संबंध में रियल टाइम जानकारी दी जाएगी।"