नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को युवाओं को रोजगार ना देने के विपक्ष के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि अगर राज्य भरपूर रोजगार मुहैया करा रहे हैं तो ये कैसे हो सकता है कि केंद्र बेरोजागारी पैदा कर रहा हो? प्रधानमंत्री ने एक मैगजीन को दिए साक्षात्कार में कहा- देश में रोजगार के पूरे आंकड़े नहीं हैं, जिसका फायदा उठाकर विपक्ष केंद्र की मनचाही तस्वीर बना रहा है।
2022 तक दोगुनी होगी किसानों की आय
मोदी ने स्वराज्य मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा, "2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हमने चरणबद्ध तरीके से योजना तैयार की है। इसके तहत लागत कम करने, खेती और खेती के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और आय के नए रास्ते खोलने की जरूरत है।" रोजगार सृजन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर होने वाली राजनीतिक बहस में स्थिरता की कमी है। उन्होंने बताया, "हमें राज्य सरकारों की ओर से रोजगार पर जारी किए गए आंकड़ों पर नजर डालनी चाहिए। उदाहरण के लिए, कर्नाटक की पूर्ववर्ती सरकार ने दावा किया था कि उसने 53 लाख रोजगार पैदा किए। पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि उसने पिछले कार्यकाल में 68 लाख लोगों को रोजगार दिए। यदि राज्य इतनी बड़ी संख्या में रोजगार दे रहे हैं, तो यह कैसे संभव है कि देश में रोजगार सृजन नहीं हो रहा है।"
राज्य और केंद्र के आंकड़े अलग-अलग कैसे हो सकते हैंः मोदी
मोदी ने रेखांकित किया कि क्या ऐसा संभव है कि राज्य रोजगार पैदा करें और केंद्र सरकार बेरोजगारी बढ़ा रही है? यह रोजगार की कमी से ज्यादा उसके आंकड़ों की कम का मामला है। पीएम ने कहा, "इस कारण विपक्ष को अपनी इच्छा के अनुसार तस्वीर पेश करने और हमारे ऊपर आरोप लगाने का मौका मिल जाता है। रोजगार के मुद्दे पर हमारे ऊपर आरोप लगाने के लिए मैं अपने विपक्षियों की निंदा नहीं कर रहा। आखिरकार रोजगार को लेकर किसी के पास ठीक आंकड़े नहीं हैं। रोजगार मापने की हमारा पुराना तरीका न्यू इंडिया की नई अर्थव्यवस्था में नए रोजगारों को मापने के लिए पर्याप्त नहीं है।"
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