नई दिल्ली. क्या आप नौकरीपेशा है? आपने होम लोन ले रखा है और इस साल का इनकम टैक्स रिटर्न भरने जा रहे हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय फार्म चुनने में सावधानी रखें। आयकर विभाग ने इस बार सात तरह के आईटीआर फार्म जारी किए हैं। आइए, एक्सपर्ट संदीप शुक्ला से समझते हैं कि आपको कौन सा फॉर्म किस तरह से भरना है:
ITR फार्म -1 सहज भरना होगा
इस फार्म को उन सभी इंडिविजुअल्स को भरना है जिनको नौकरी और प्रापर्टी से आय प्राप्त होती है। हां, मगर दोनों तरह के स्त्रोतों से मिलने वाली आपकी आय 50 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ऐसे भरें ITR-1
पार्ट A में क्या है : इस खंड में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे- नाम, पता, आधार नंबर भरना होगा।
पार्ट B में क्या भरना है : इस खंड में आपको अपनी सैलरी की डिटेल और होम लोन की चुकाई जाने वाली रकम के बारे में जानकारी भरनी होगी।
पार्ट C में क्या भरना है : इस खंड में आपको आय़कर की धारा 80सी के तहत टैक्स में लाभ लेने के लिए जानकारी भरनी होगी।
पार्ट D में क्या भरना है : इस खंड में आपको विभिन्न स्त्रोतों से होने वाली कुल आय, टैक्स छूट की रकम और कितनी आय पर आप टैक्स देते हैं यह जानकारी देनी होगी।
पार्ट E में क्या भरना है : इस खंड में अपने सभी खातों के बारे में जानकारी देनी होगी। इसमें आपको सारे लेन-देन का विवरण आ जाता है।
पार्ट B में क्या हैं सब सेक्शन
पार्ट B - स्टेप-1 में क्या भरें : यहां टैक्स के दायरे में आने वाली सैलरी के बारे में जानकारी देनी होगी। यहां आप फार्म 16 से भी मदद ले सकते हैं। फार्म-16 आपको उस संस्थान से लेना है जहां नौकरी करते हैं। अगर 2017-18 में आपने नौकरी छोड़ी है तो पुराने संस्थान से फार्म-16 लेना होगा।
पार्ट B - स्टेप-2 : अगर आपके पास कोई प्रापर्टी घर, दुकान, मकान है जो आपके नाम है तो बॉक्स में टिक करना होगा।
पार्ट B - स्टेप-3 : आपने किसी को उधार पैसे दे रखे हैं, कितने दिए हैं ? इसकी राशि भरनी होगी। अगर आपको कहीं से ब्याज मिलता है तो उसकी राशि भरनी होगी।
पार्ट B - स्टेप- 4 : इसमें अन्य स्त्रोतों से होने वाली आय की राशि दर्ज करें। निवेश से जो ब्याज मिलता है उसकी राशि दर्ज करें।
पार्ट B - स्टेप- 5 : आय के सभी स्त्रोतों से होने वाली कुल आय दर्ज करें।
पार्ट C में दो स्टेप्स हैं
पार्ट C स्टेप -1: आपको आयकर की धारा 80सी और 10-10डी के अलावा जिस भी नियम के तहत जितकी राशि पर टैक्स छूट मिली है उसे दर्ज करें।
पार्ट C स्टेप -2 : आय के सभी स्त्रोतों से होने वाली कुल आय जीटीआई दर्ज करें।
पार्ट- D: धारा सी-2 के अंतर्गत आने वाली राशि को पार्ट डी में कैलकुलेट किया जाएगा।
एक उदाहरण देखें, मान लें कि-
1. आपकी सैलरी से कुल आय 9 लाख रुपए है।
2. अन्य स्त्रोतों से 1 लाख रुपए।
3. साल में 2.4 लाख होम लोन चुकाते हैं। तो 2 लाख रुएप 80सी और एक लाख की 80डी के तहत, 20 हजार 80सीसीडी के तहत छूट मिलती है।
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