आपको पता ही है कि येद्दियुरप्पा ज्योतिष में बहुत विश्वास करते हैं। इससे पिछली बार जब वह मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने तंत्र-मंत्र की भी मदद ली थी। कब वे शपथ लेंगे, कब वे अपने घर से निकलेंगे- हर चीज उनके निजी ज्योतिषी तय करते हैं। लेकिन इस बार कर्नाटक में ज्योतिष विफल रहा। इस बार ज्योतिषियों ने कहा था कि अमावस्या किसी तरह बीत जाने दें। लेकिन चुनाव परिणाम घोर अमावस्या के दिन आए। यही नहीं, अमावस्या 5 बजे तक चली और परिणाम 5 बजे से पहले ही पूरे हो गए। बीजेपी चंद नंबरों से चूक गई। तो अब येद्दियुरप्पा क्या करेंगे? क्या अब वह मार्गदर्शक मंडल की शोभा बढ़ाएंगे? देखते हैं।
दो सितारों का मिलन!
2019 में दो सितारों का आसनसोल में मिलन, माने टकराव, हो सकता है। दरअसल शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में दिल्ली में ममता बनर्जी से मुलाकात की है। अब यह तो पक्का ही है कि बिहारी बाबू को पटना से बीजेपी का टिकट नहीं मिलने वाला है। चर्चा यह है कि 2019 चुनाव से पहले वह टीएमसी में शामिल हो सकते हैं। और टीएमसी उन्हें बिहार सीमा से सटी पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से बीजेपी के बाबुल सुप्रियो के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है।
उपन्यासकार संजीव सान्याल
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में प्रधान सलाहकार संजीव सान्याल अब उपन्यासकार भी बन गए हैं। उनकी प्रतिभा और अभिरुचियां कई तरह की हैं। वह अलग-अलग विषयों पर पुस्तकें लिख चुके हैं - जैसे भूगोल, समुद्र, नदियों की अर्थव्यवस्था, भारत का इतिहास आदि। अब उनका उपन्यास भी आ गया है लाइफ ओवर टू बीयर्स। यह उपन्यास लुटियन्स दिल्ली के जीवन पर है कि यह गरीब लोगों से कितनी दूर है।
प्रणब मुखर्जी से मांगी सलाह
इस बार कर्नाटक के चुनाव का लिए कांग्रेस का वॉर रूम रकाबगंज रोड वाली कोठी में बनाया गया था और इसमें इस बार राहुल गांधी बहुत सक्रिय थे। उन्होंने कुछ नेताओं से परामर्श किया था। यहां तक कि उन्होंने प्रणब मुखर्जी से भी सलाह ली थी। वॉर रूम में अहमद पटेल और चिदंबरम होते थे। कुमारस्वामी का समर्थन करने का तत्काल निर्णय लेना कांग्रेस का एक बड़ा फैसला था। यह कांग्रेस के सामंती दृष्टिकोण से भिन्न था और पचमढ़ी बैठक वाला असली दृष्टिकोण था।
टीएमसी-कम्युनिस्ट, बहन-भाई!
और कांग्रेस को पचमढ़ी अंदाज में आने देने के लिए देवेगौड़ा से कई लोगों ने गुहार लगाई थी। सीपीएम के सीताराम येचुरी ने फोन किया देवेगौड़ा जी, कृपया सोनिया जी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लें। यही बात, इन्हीं शब्दों में कहने के लिए देवेगौड़ा को ममता बनर्जी ने भी फोन किया। अब शपथ ग्रहण समारोह में देवेगौड़ा ममता बनर्जी और सीताराम येचुरी दोनों एक साथ एक ही मंच पर होंगे। टीएमसी-कम्युनिस्ट, बहन-भाई!
जायन्ट किलर्स के अच्छे दिन
वैसे मोदी सरकार में ईमानदार अफसरों के अच्छे दिन चल रहे हैं। लालू को जेल पहुंचाने वाले अमित खरे सूचना-प्रसारण सचिव बनाए गए हैं और हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रजनी सेखरी सिब्बल राजनाथ सिंह के मंत्रालय में नॉर्थ ब्लॉक में अतिरिक्त गृह सचिव बनाई गई हैं। अगर आप रजनी सेखरी सिब्बल को भूल गए हों, तो हम बता देते हैं। 18 साल पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके संघर्ष ने उस जमाने में मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को जेल भिजवा दिया था। मामला था जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर भर्ती में भ्रष्टाचार का। उनकी प्रसिद्धि का एक अन्य कारण यह है कि उन्होंने भारतीय गायों पर एक बड़ा शोध प्रबंध कार्य किया है! उन्होंने भारत की गायों पर एक पुस्तक लिखी है- कामधेनु काऊज ऑफ इंडिया।
देखा! हमने हरवा दिया
कर्नाटक में बड़ी संख्या में तेलुगु भाषी लोग रहते हैं। न केवल हैदराबाद कर्नाटक में, बल्कि बैंगलोर में भी। इन तेलुगु बहुल्य क्षेत्रों में ज्यादातर बीजेपी के खिलाफ मतदान हुआ। टीडीपी नेताओं का कहना है कि उनके एनडीए छोड़ देने से इस पड़ोसी राज्य में भी प्रभाव पड़ा है। चुनाव के समय चंद्रबाबू नायडू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी के खिलाफ वोट देने का आह्वान भी किया। अब चंद्रबाबू भी शपथग्रहण में जा रहे हैं।
जिम्मेदार कौन!
वाराणसी में हुए फ्लाईओवर हादसे पर पीएम बहुत नाराज हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को फोन किया। राजनाथ से बात की। आपदा प्रबंधन की बैठक की। नृपेन्द्र मिश्रा ने युद्धस्तर पर काम संभाला। वास्तव में वाराणसी फ्लाईओवर मांडवी के नए स्टेशन के पास है। राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं केशव मौर्या। एक-दूसरे पर दोषारोपण का खेल शुरू हो चुका है। सीएम का मानना है कि मौर्या अधिक जिम्मेदार हैं।
माने 2019 तक तो चलेगा
कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस की आपसी समझ या राहुल की रणनीति यह है कि भई कर्नाटक में कैबिनेट में जेडीएस बड़ा हिस्सा ले ले। लेकिन लोकसभा में कम से कम 21 सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी। कांग्रेस यह भी चाहती है कि जेडीएस को आधिकारिक तौर पर यूपीए में शामिल होना चाहिए। देवेगौड़ा अभी उस के लिए तैयार नहीं हैं।
आर्किटेक्चरल सवाल
सीपीडब्ल्यूडी के अगले डीजी के मामले में बहुत ही असाधारण स्थिति बनने जा रही है। मौजूदा डीजी अभय सिन्हा 1 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। महकमे में चार विशेष डीजी हैं- एक-एक सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, आर्किटेक्चरल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से। अतीत में सभी डीजी या तो सिविल वाले रहे या मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल वाले। लेकिन अब वरिष्ठतम विशेष डीजी आर्किटेक्चरल इंजीनियरिंग वाले हैं। देखिए क्या होता है।
बेचारे, ऐन मौके पर
पिछले हफ्ते हुए अफसरों के फेरबदल में 1989 बैच के 3-4 आईएएस अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिए जाने से दिल्ली के सत्ता के गलियारे हैरान रह गए। दरअसल आने वाले कुछ हफ्तों में अतिरिक्त सचिव के लिए इम्पैनलमेंट होने ही वाला है।
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