अमेरिकी संसद (कैपिटल) पर पिछले साल 6 जनवरी को हुई ऐतिहासिक हिंसा के एक साल बाद भी वहां का समाज बंटा हुआ नजर आ रहा है। इस साल कराए गए न्यू माय गॉव सर्वे के अनुसार 48 फीसदी अब भी कैपिटल हिंसा का समर्थन करते हैं। इसमें से सबसे ज्यादा 9 फीसदी का मानना है कि इस प्रकार की हिंसा से विरोधियों को कड़ा संदेश जाता है।
चौंकाने वाले नतीजे ये हैं कि 2024 के चुनावों में यदि डेमोक्रेट जीतते हैं तो 4 फीसदी अमेरिकी फिर हिंसा का समर्थन करेंगे। जबकि फरवरी 2021 के एपी-नॉर्क के सर्वे के बाद जनवरी, 2022 में हुए सर्वे में डोनाल्ड ट्रम्प की लोकप्रियता में 10% का इजाफा हुआ है। ट्रम्प 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के नंबर वन नेता बने हुए हैं।
इस बीच हिंसा करने वालों के समर्थन में अमेरिका में गुरुवार को लगभग 25 शहरों में रैलियां निकाली गईं। रैलियां निकालने वाले ज्यादातर लोग रिपब्लिकल पार्टी और श्वेत प्रभुत्व समर्थक संगठनाें से जुड़े हैं। कैपिटल और आसपास के इलाकों में कड़ी सुरक्षा की गई।
घृणा: अब शामन खुद को मानसिक रोगी बता रहा
कैपिटल हिंसा के आरोप में पुलिस ने ट्रम्प समर्थक 705 को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 165 को सजा हो चुकी है। सींगों वाली कैप पहनकर अमेरिकी समाज में नफरत का चेहरा बनकर उभरे जैकब चैंसली उर्फ कैनोन शामन को जब नवंबर, 2021 में सजा हुई तो वकील ने बचाव में उसे मानसिक रोगी बताया था।
ट्रम्प के विरोधी 7 रिपब्लिकन सीनेटरों ने अब साध ली चुप्पी
हिंसा के विरोध में इस्तीफा देने वाले व्हाइट हाउस प्रतिनिधि व कैबिनेट सचिव अब हाशिये पर हैं। ट्रम्प के खिलाफ डेमोक्रेटिक पार्टी के महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करने वाले उ. कैरोलीन के सीनेटर रिचर्ड बर्र, लुसियाना के बिल कैसेडी, मेन की सुजन कॉलिंस, अलास्का की लीजा मुरकोविस्की, यूटाह के मिट रोमनी, नेब्रास्का के बेन सेसे व पेन्सिलवेनिया के पेट टोमी ने भी चुप्पी साध ली है।
हिंसा में शामिल ज्यादातर युवा और पुलिस-आर्मी बैकग्रांउड से
कैपिटल हिंसा की जांच में सामने आया कि इसमें शामिल ज्यादातर लोग युवा औा पुलिस अथवा आर्मी बैकग्राउंड से थे। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रो. माइकल रोव के अनुसार ये अमेरिकी समाज में बढ़ रही असहिष्णुता का प्रतीक है। अमेरिकी समाज में कई युवा अश्वेतों और गैर श्वेतों के प्रति कटुता का भाव रखने लगे हैं। ये अमेरिकी समाज में आ रहा एक बड़ा और बहुत ही खतरनाक बदलाव है।
हिंसा का विरोध, संसद में सभा
ट्रम्प व उनके समर्थक अमेरिकी लोकतंत्र के गले पर चाकू लिए खड़े हुए हैं: राष्ट्रपति बाइडेन
कैपिटल हिंसा के एक साल पूरे होने पर अमेरिकी संसद में सभा हुई। अपने संबोधन में राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प और उनके समर्थन अमेरिकी लोकतंत्र के गले पर चाकू लिए खड़े हैं। बाइडेन ने कहा कि ट्रम्प चुनावों की वैधानिकता के खिलाफ गैर लोकतांत्रिक अभियान छेड़े हुए हैं। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि लोकतंत्र की असल शक्ति कानून का शासन है। कैपिटल हिंसा इस बात का प्रतीक है कि यदि हम जरा चौकस नहीं रहे और लापरवाही बरती तो ये हमारे लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित होगा।
प्रमुख रिपब्लिकनों ने बनाई दूरी
संसद में हुई सभा में कोई भी प्रमुख रिपब्लिकन सांसद शािमल नहीं हुआ। 6 जनवरी की हिंसा को लेकर संसद में डेमोक्रेट सांसदों की ओर से ही विरोध प्रस्ताव पर चर्चा की गई।
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