रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को एक साल पूरे होने को है। इस युद्ध में यूक्रेन तबाह हो गया और दुनिया महंगाई की चपेट में आ गई। बड़ी संख्या में यूक्रेन के लोगों को देश छोड़ना पड़ा और रूस के करीब 2 लाख सैनिकों की जान चली गई। इसी बीच रूस और यूक्रेन की सीमाओं से करीब 10 हजार किलोमीटर दूर इंडोनेशिया के बाली में 14,500 रूसी और 3000 यूक्रेनियन नागरिकों ने शांति ग्राम बसाया है।
युद्ध शुरू होने के बाद से इन लोगों ने अपने-अपने देश को छोड़ कर बाली में बसना शुरू किया। यहां ये लोग साथ रहते हैं। आमतौर पर एक-दूसरे से युद्ध की बात नहीं करते। यहां से कंपनियां चला रहे हैं। मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर रहे हैं। यूक्रेनी तो युद्ध खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर रूसी वापस अपने देश लौटना नहीं चाहते। इन्हें ये द्वीप भा गया है।
पार्क उबुद में साथ रहते हैं रूस-यूक्रेन के लोग
बाली द्वीप में जहां इन्होंने अपनी बस्ती बसाई है, उसका नाम है पार्क उबुद। यहां रूस की तरह ही आधुनिकतम सुविधाएं मौजूद हैं। रेस्त्रां में रूसी शेफ हैं, जो रूसी और यूक्रेनी डिश बनाते हैं। यहां वाई-फाई युक्त लाइब्रेरी, प्लेग्राउंड, स्वीमिंग पूल, बार-क्लब के साथ-साथ बान्या भी हैं। बान्या भाप वाले छोटे कमरे होते हैं, जो रूस और यूक्रेन में लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं।
यहां वर्किंग स्पेस भी बनाए गए हैं, जहां वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोग काम करते हैं। क्रिप्टोकरेंसी स्टार्टअप में डिजाइनर 21 साल की पोलिना शिकिना कहती हैं- मैं यूक्रेनियन लोगों से आंख नहीं मिला पाती। ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी चला रहे पॉलो तारास्युक कहते हैं- वे रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बारे में यहां भी कोई बात नहीं करते।
ऑस्ट्रेलियन और चीनी लोगों के लिए बना था ये पार्क
पार्क के सहसंस्थापक विलियम वैबे कहते हैं- हमने यह ऑस्ट्रेलियन और चीनी पर्यटकों को ध्यान में रखकर बनाया था। हमें अंदाजा नहीं था कि यह रूसी और यूक्रेनियनों का घर बन जाएगा। अभी 300 और लोगों के रहने की व्यवस्था करनी है। पार्क उबुद की रियल इस्टेट सेल्स मैनेजर क्रिस्टीना कुचिनस्काया कहती हैं- मुझे यह नहीं पता चलता कि कौन रूसी है और कौन यूक्रेनी। दरअसल उनकी भाषा, उनका खाना यहां तक कि रीति-रिवाज लगभग एक जैसे ही हैं।
सेकंड होम वीसा के तहत 10 साल तक बाली में रह सकते हैं
इंडोनेशिया ने बाली को डिजिटल नोमैड डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किया है। अब बिना टैक्स सेकेंड होम वीसा दे रहा है। यह 5 या 10 साल तक के लिए भी हो सकता है। इंडोनेशिया के पर्यटन मंत्री सैंडियागो यूनो कहते हैं- युद्ध ग्रस्त देशों से आए लोगों के लिए पर्यटन वीसा भी बढ़ाए जाएंगे।
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