दक्षिणी अमेरिका में स्थित देश पेरू की वित्त मंत्री मारिया एंटोनिएटा अल्वा अचानक से स्टार बन गई हैं। कोरोना महामारी के दौर में जनता से अच्छे तालमेल, छोटे व्यवसायों और कमजोर परिवारों की मदद के लिए एक बेहतरीन रिकवरी पैकेज तैयार करने पर उनकी प्रशंसा मिल रही है। अपनी कोशिशों से 35 साल की अल्वा घर-घर में मशहूर हो गई हैं। लोग उन्हें टोनी के नाम से बुलाते हैं। उनसे साथ सेल्फी खिंचाने के लिए लोगों की लाइन लगी रहती है। आर्टिस्ट उनका स्केच बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं और मीडिया में उनका इंटरव्यू लेने की होड़ मची है।
अक्टूबर 2019 में बनी थीं वित्त मंत्री
पिछले साथ अक्टूबर में अल्वा को वित्त मंत्री का पद मिला था। इतने कम समय में ही वे राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा के मंत्रिमंडल की सबसे खास बन गईं। वे नए नेताओं की पीढ़ी का हिस्सा हैं और वह सरकार की नीतियों को जनता को समझाने में बहुत समय बिताती हैं। कोरोना महामारी शुरू होने के दौरान कुछ अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि इस साल पेरू की जीडीपी में 10 प्रतिशत तक की कमी आएगी। बेतहाशा बेरोजगारी बढ़ेगी और यह स्थिति दशकों में सबसे खराब होगी। पेरू की जीडीपी में साल 2019 में दशक की सबसे कम 2.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई थी।
सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया
अल्वा सबसे पहले सरकारी निर्माण कार्यों में आई मंदी को कम करना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय और स्थानीय अथॉरिटी की ओर से खर्च बढ़ाने के लिए मदद की, जिसके चलते पब्लिक इंवेस्टमेंट में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास भी जीता। पेरू और दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों से विचार करने के बाद उन्होंने कैबिनेट के अपने सहयोगियों के साथ बातचीत की। उन्होंने आम सहमति से गरीब तबकों को सीधे नकदी देने, पे-रोल सब्सिडी और सरकार की ओर से बिजनेस लोन देने जैसे कई निर्णय लिए। इसमें से कोई भी निर्णय पेरू में पहले कभी नहीं लिया गया था।
दो हफ्ते पहले पेरू ने तीन अरब डॉलर के बांड इंटरनेशनल मार्केट में बेचे। पूर्व वित्त मंत्री कार्लोस ओलिवा कहते हैं, ‘‘वह संवाद कायम करने में भी बेहतर हैं और वर्तमान हालात में यह सबसे जरूरी है।’’
भारत में भी बिताए हैं दो महीने
अल्वा ने 2014 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की थी। पढ़ाई करने के बाद अल्वा ने भारत में लड़कियों के लिए शिक्षा के मौके पर अध्ययन किया था। इस दौरान उन्होंने दो महीने भारत में ही बिताए। इसके बाद वे पेरू में शिक्षा विभाग में काम करने चली गई थीं। कुछ ही दिनों वे प्लांनिंग कमीशन की हेड बन गईं।
बचपन में गरीबी को देखा
अल्वा के पिता जॉर्ज सिविल इंजीनियर थे । अल्वा ने कई बार बताया कि वह अपने पिता के साथ जब बचपन में दौरे पर जाती थीं तो उन्होंने बहुत गरीबी देखी। तभी से उन्होंने यह तय कर लिया था कि वे इसे दूर करेंगी। अल्वा को जब मंत्री बनाया गया था तो कई तरह के सवाल उठे थे। कुछ ने कहा था कि वह किसी की मेहरबानी से इस पद तक पहुंचीं। उन्हें इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं हैं। इस पर अल्वा ने कहा था कि यह सवाल इसलिए उठे, क्योंकि वह महिला हैं। अगर वह पुरुष होतीं तो कोई कुछ नहीं कहता।
लैटिन अमेरिका में जितने देश हैं, उसमें अल्वा ही अकेली महिला वित्त मंत्री हैं। अर्जेंटीना के वित्त मंत्री मार्टिन गजमैन (37), डोमिनिकल रिपब्लिक में जुआन एरियल जिमेंज (35) और इक्वाडोर में रिचर्ड मार्टिनेज (39) हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.