एक तरफ कोरोना का कहर जारी है, तो दूसरी तरफ कई देशों में कोरोना पाबंदियों का विरोध हो रहा है। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में कोरोना टीका अनिवार्य किए जाने और टीका नहीं लगवाने पर घर में लॉक रहने के नियम के खिलाफ रविवार को फिर प्रदर्शन हुए। लोगों ने सड़कों पर मार्च निकालकर नारेबाजी की। कुछ नारा लगा रहे थे कि ‘वैक्सीन फासीवाद मंजूर नहीं।’ एक अन्य ने लिखा, ‘मैं नव-नाजी या गुंडा नहीं हूं।’ एक अन्य ने कहा, ‘मैं आजादी के लिए और वैक्सीन के खिलाफ लड़ रहा हूं।’
कई जगह प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की कोशिश की, जिससे उनकी पुलिस से जगह-जगह झड़प भी हुई। पुलिस ने बताया कि शनिवार को अनुमानित 44 हजार लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इन प्रदर्शनों के चलते ऑस्ट्रिया सरकार दबाव में आ गई और रविवार को देशभर से कोरोना लॉकडाउन हटाने का ऐलान कर दिया।
सरकार के नए आदेश के मुताबिक वैक्सीन न लगवाने वाले लोग अब घरों से बाहर निकलकर खरीदारी और व्यायाम जैसे जरूरी काम के लिए जा सकेंगे। हालांकि उन्हें हर दो दिन में कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। अब उन लोगों के लिए जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगा, जिन्होंने टीका लगवा लिया है या जो कोरोना से उबर चुके हैं। ये चौथा हफ्ता है जब वीकेंड पर प्रदर्शन हो रहे हैं।
ईयू में वैक्सीनेशन अनिवार्य करने वाला ऑस्ट्रिया पहला
ऑस्ट्रिया यूरोपीय यूनियन में पहला देश है, जिसने 14 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए फरवरी से वैक्सीनेशन अनिवार्य किया। वैक्सीन नहीं लगवाने पर 50 हजार रुपए से 3 लाख रुपए तक जुर्माना लगेगा। देश में अब तक 69% का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। सिर्फ उन्हीं लोगों को वैक्सीनेशन से छूट है, जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं। देश में अब तक 13 लाख लोग संक्रमित हुए, जबकि 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
ऑस्ट्रेलिया: सिडनी और मेलबर्न में प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया में वैक्सीन अनिवार्य किए जाने के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन हुए। मेलबर्न में 4 हजार लोग संसद के बाहर जमा होकर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने दो साल बाद हो रही मेलबर्न मैराथन को भी बाधित करने की कोशिश की। सिडनी में भी लोगों ने सड़कों पर मार्च किया। उधर, गोल्ड कोस्ट के पास क्वींसलैंड सीमा खोले जाने से पहले ही प्रदर्शनकारी जमा हो गए।
लंदन: बोरिस जॉनसन की तुलना हिटलर से की
नई पाबंदियों के खिलाफ ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भी शनिवार को प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तुलना हिटलर से करते हुए ‘भेदभाव बर्दाश्त नहीं’ के नारे लगाए।
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