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  • A Child Of 3 Years Knows The Power Of Money, If Taught Money Management At The Age Of 7 9, He Will Understand The Habit Of Saving.

3 साल का बच्चा पैसे की ताकत जानता है:7-9 साल की उम्र में मनी मैनेजमेंट सिखाएं तो बचत की आदत समझेगा बच्चा

लंदन2 महीने पहले
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विशेषज्ञ कहते हैं- जिन बच्चों से मां-बाप उनके पैसे ले लेते हैं, वे बच्चे पैसे छिपाने लगते हैं - Dainik Bhaskar
विशेषज्ञ कहते हैं- जिन बच्चों से मां-बाप उनके पैसे ले लेते हैं, वे बच्चे पैसे छिपाने लगते हैं

अधिकतर माता-पिता को यह चिंता रहती है कि बच्चे पैसे की कीमत नहीं समझते, जबकि हकीकत यह है कि बच्चों को पैसों के लिहाज से समझदार बनाने के गुर सिखाने में वे खुद ही लापरवाही बरतते रहे हैं।

विशेषज्ञ कहते हैं कि मनी-मैनेजमेंट जिंदगी का अहम पहलू है व पेरेंटिंग के लिहाज से बड़ी जिम्मेदारी भी। वे कहते हैं कि यूं तो बच्चे 3 साल की उम्र से ही पैसे की शक्ति समझने लगते हैं, लेकिन 7-9 साल की उम्र बच्चों को मनी मैनेजमेंट सिखाने की सबसे सही उम्र होती है।

छोटी उम्र में बच्चों को पैसे खर्च करने की खुशी दें
क्लिफ्टन कॉर्बिन, रोन लिबर, बेथ कॉबलिंगर और डाउग नॉर्डमैन बच्चों के मनी मैनेजमेंट के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। वे कहते हैं कि 7 से 9 साल की उम्र में बच्चे को पॉकेट मनी देना शुरू कीजिए। उसे पैसे बचाने की जरूरत बताइए और खर्च करने की खुशी महसूस करना सिखाइए।

अपनी किताब ‘योर किड्स, देयर मनी’ में क्लिफ्टन कॉरबिन कहते हैं कि पॉकेट मनी पर बच्चों को स्वतंत्र फैसले लेने दीजिए। नजर रखिए कि वे क्या व क्यों खरीद रहे हैं? कितना बचा रहे हैं। गलतियां हो रही हैं तो करने दें। उन्हें गलती के असर के बारे में समझाएं। इससे वे पैसे का अर्थशास्त्र समझेंगे व भविष्य के लिए खुद को तैयार करेंगे।

बच्चों के साथ खर्च और बचत का चार्ट बनाएं
फेलन कहते हैं कि पैसे देने से ही बच्चे मनी मैनेजमेंट नहीं सीखते। उनकी इच्छा-योजनाएं भी जानना जरूरी है। उनके साथ बैठकर खर्च और बचत का चार्ट बनाएं। महंगी चीज खरीदने के लिए भी लक्ष्य बनाएं। यह अहसास करा दें कि इसके लिए हफ्तों या महीनों की बचत करनी पड़ सकती है।

पर्सनल फाइनेंस शिक्षक रॉब फेलन कहते हैं कि मैं 3 साल के बेटे को हर हफ्ते 3 डॉलर देता हूं। वह या तो उसे खर्च करे या इकट्‌ठा करेे। पहले वह तुरंत खर्च कर देता था। अब बचा रहा है। 10 साल की उम्र तक वह पैसे की कीमत व समझदारी से खर्च करना सीख जाएगा।

पॉकेट मनी पर बच्चों को खुद फैसला करने दें
विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चों को पॉकेट मनी देने के 3 तरीके अपनाए जा सकते हैं-

  • काम के बदले दाम- बच्चों को घर के काम की जिम्मेदारी दें, जैसे बिस्तर ठीक करना, पौधों में पानी देना। काम नियमित करने पर उसे हर महीने निश्चित राशि दें।
  • सफलता पर पुरस्कार- दूसरा तरीका, बच्चे के अच्छे नंबर लाने, खेल में बेहतर करने या किसी अच्छे व्यवहार को पुरस्कृत करना।
  • हाइब्रिड पेमेंट- इसमें बच्चों को हर माह या हफ्ते बिना किसी काम निश्चित पॉकेट मनी दी जाती है। उसे किसी काम के बदले भी धनराशि दी जाती है।