तालिबान ने एक बार फिर अमेरिका से अपने फ्रीज किए हुए फंड्स रिलीज करने की अपील की है। तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने कहा- कतर की राजधानी दोहा में हुए एग्रीमेंट के बाद अब हमारे और अमेरिका के बीच कोई मतभेद नहीं रहे। अब जबकि विवाद ही नहीं हैं, तो हमारे फंड्स भी फ्रीज करने का कोई तुक नहीं है। अमेरिकी कांग्रेस हमारे सेंट्रल बैंक के फ्रीज किए फंड्स को अपनी सरकार से रिलीज कराए।
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद अमेरिका ने अपने देश के बैंकों में मौजूद अफगानिस्तान के तमाम अकाउंट्स और फंड्स फ्रीज कर दिए थे। अब तालिबान सरकार के लिए मुल्क चलाना मुश्किल हो गया है।
अमेरिकी संसद को लेटर
आमिर खान मुत्तकी ने अमेरिकी कांग्रेस को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने अफगानिस्तान की आर्थिक परेशानियों का जिक्र किया है। मुत्तकी ने लिखा- अमेरिका के साथ हमने दोहा एग्रीमेंट साइन किया था। इसके बाद इस्लामिक अमीरात (अफगानिस्तान) और अमेरिका के बीच कोई सीधा या सैन्य विवाद नहीं है। मैं हैरान हूं कि हमारे मुल्क में नई सरकार आने के बाद भी अमेरिका ने हमारे सेंट्रल बैंक के एसेट्स और फंड्स फ्रीज क्यों कर दिए। यह समझौते का उल्लंघन है।
देश चलाने के लिए पैसा नहीं
मुत्तकी ने खत में आगे लिखा- फिलहाल, अफगान अवाम की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उनके पास फाइनेंशियल सिक्योरिटी नहीं है। इसकी वजह यह है कि अमेरिकी सरकार ने हमारे सेंट्रल बैंक के अकाउंट्स और एसेट्स फ्रीज कर दिए हैं। हम दुनिया से भी अपील करते हैं कि हमारा पैसा फौरन रिलीज किया जाए ताकि हम अपने हालात सुधार सकें।
ऐसे नहीं होगा मुश्किलों का हल
मुत्तकी ने लिखा- अमेरिका या दुनिया हमें कम से कम यह तो बताए कि अगर अफगानिस्तान के फंड्स फ्रीज किए जाते हैं तो उससे क्या फायदा होगा? क्या इससे किसी परेशानी का हल निकलेगा? अमेरिकी जनता भी ये नहीं चाहती होगी। इसलिए हम अमेरिकी संसद से अपील करते हैं कि वो हमारे फंड्स और एसेट्स फौरन रिलीज कराए। हम अपने हेल्थ, एजुकेशन और दूसरे सेक्टर्स पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। अफगानिस्तान की मुद्रा का नाम अफगानी है। इस वक्त एक डॉलर का मूल्य 95 अफगानी है।
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