अफगानिस्तान के काबुल में शनिवार को गुरुद्वारे पर हुए हमले की जिम्मेदारी ISIS (K) ने ली है। ISIS (K) ने बयान जारी कर कहा है कि भारत में हुए पैगंबर मोहम्मद के अपमान का बदला लिया है। इस हमले में मुस्लिम गार्ड समेत 2 लोगों की मौत हो गई थी। हमले में कुल 7 लोग घायल हुए हैं। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इधर, भारत ने 100 प्रवासियों (सिख-हिंदू) के लिए ई-वीजा जारी कर दिया है। ये सभी भारत आ कर रह सकते हैं।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले को लेकर कहा है कि गुरुद्वारा कर्ते-परवान पर हुए कायराना हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं। हमले की खबर मिलने के बाद से ही हम घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। सिख कम्युनिटी की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
टोलो न्यूज के मुताबिक, काबुल के गुरुद्वारा कर्ते-परवान के गेट के बाहर शनिवार सुबह 7.30 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 8.30 बजे) कई ब्लास्ट हुए। गुरुद्वारा परिसर के अंदर भी दो ब्लास्ट हुए। अंदर के ब्लास्ट से गुरुद्वारा से जुड़ी कुछ दुकानों में आग लग गई, जो पूरे परिसर में फैल गई।
दरबार हॉल तक फैली आग
स्थानीय लोगों ने सबसे पहले यह नजारा देखा। गुरुद्वारे से 3 लोग बाहर आने में कामयाब रहे, जिनमें से 2 घायल थे। इन्हें अस्पताल भेजा गया। बताया जाता है कि घटना के समय अंदर करीब 30 लोग थे। गुरुद्वारा दशमेश पिता साहिब जी कर्ते परवान में केवल आग और धुआं नजर आ रहा था। श्री गुरु ग्रंथ साहिब और गुरुद्वारे के मुख्य दरबार हॉल तक भी आग के फैलने की खबर मिली है। हालांकि बाद में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाने की खबर आई। वहां फंसे लोगों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया है।
इससे पहले हमलावरों ने वहां फायरिंग भी की थी। इसी फायरिंग में गुरुद्वारे का मुस्लिम गार्ड मारा गया था। तालिबान के सैनिकों ने गुरुद्वारा को घेर लिया।बाद में सरकारी विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि हमलावर मार दिए गए हैं।
2 साल पहले गुरुद्वारे पर हमले में हुई थी 25 लोगों की मौत
25 मार्च 2020 को ISIS-हक्कानी नेटवर्क के बंदूकधारी और फिदायीन हमलावरों ने काबुल में गुरुद्वारा हर राय साहिब पर हमला किया था। तब गुरुद्वारा में करीब 200 लोग मौजूद थे, जिसमें से 25 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में एक बच्चा भी शामिल था। हमले में 8 लोग घायल हुए थे। कई घंटों तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चली थी, जिसमें सभी आतंकी मारे गए थे।
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