अमेरिका और ब्रिटेन ने अफगानिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे होटलों में जाने से बचें। 8 अक्टूबर को अफगानिस्तान की मस्जिद में हुए घातक हमले में 100 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इसकी जिम्मेदारी ISIS ने ली थी। इसके बाद अब यहां के होटलों को निशाना बनाए जाने की आशंका है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो भी नागरिक सेरेना होटल में या उसके पास रुके हैं, वे तुरंत वहां से निकल जाएं। यहां पर सुरक्षा को लेकर खतरा हो सकता है। ब्रिटेन के कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने भी कहा कि अफगानिस्तान में हमलों के खतरों को देखते हुए लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे होटलों में न रुकें। खासतौर से काबुल के सेरेना होटल में तो बिलकुल भी न रुकें।
दो बार हमलों का शिकार हो चुका है सेरेना होटल
काबुल का सेरेना होटल यहां का लक्जरी होटल है, जहां पर पर्यटक और विदेशी मेहमान आकर रुकते हैं। यह होटल पहले भी दो बार तालिबानी हमलों का निशाना बन चुका है। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद कई विदेशी अफगानिस्तान को छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन कुछ पत्रकार और मदद पहुंचाने वाले लोग काबुल में ही रुक गए थे।
शनिवार-रविवार को मिले थे तालिबान-अमेरिका के प्रतिनिधि
बीते दो दिनों में तालिबान और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच में कतर की राजधानी दोहा में आमने-सामने मुलाकात हुई। अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद यह पहली फेस-टु-फेस मुलाकात थी। इसमें सुरक्षा के मुद्दों पर बात हुई। अमेरिका ने आतंकवाद को लेकर अपनी चिंता जाहिर की और अमेरिकी नागरिकों और अन्य विदेशी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए सुरक्षित रास्ता देने की बात हुई।
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