अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने देश छोड़ने वाले हिंदू और सिख समुदाय को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है। तालिबान ने एक बयान में कहा- मुल्क में सिक्योरिटी के हालात अब पहले से बहुत बेहतर हैं। हम हिंदू और सिख समुदाय के उन लोगों से लौटने की अपील करते हैं, जो देश छोड़कर गए हैं।
खास बात यह है कि इस बारे में तालिबान हुकूमत के विदेश और गृह मंत्रालय ने बयान भी जारी किया है। तालिबानी नेताओं ने काबुल में मौजूद सिख समुदाय के कुछ लोगों से इस बारे में मुलाकात भी की है।
तालिबान को इमेज की फिक्र
पिछले साल 15 अगस्त को काबुल के साथ ही तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद हिंदू और सिख समुदाय पर कई हमले हुए थे। ज्यादातर हमलों का आरोप इस्लामिक स्टेट खोरासान ग्रुप पर लगा था। कुछ अल्पसंख्यकों की मौत भी हुई थी। इसके बाद से हिब्तुल्लाह अखुंदजादा की तालिबान हुकूमत इमेज सुधारने की कवायद में जुटी है।
24 जुलाई को विदेश मंत्रालय के टॉप अफसर डॉक्टर मुल्ला वासी ने अफगान हिंदू और सिख समुदाय के डेलिगेशन को बातचीत के लिए बुलाया। इस दौरान वासी ने समुदाय को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिलाया। वासी ने कहा- हम चाहते हैं कि जो हिंदू और सिख समुदाय के लोग देश छोड़कर गए हैं, वो वापस आएं।
अफगान आर्मी भी एक्टिव
इस मुलाकात के बाद अफगानिस्तान आर्मी ने भी सोशल मीडिया पर बयान जारी किया। इसमें भी माइनोरिटी कम्युनिटी को सिक्योरिटी देने का वादा किया गया। बयान में वासी और हिंदू-सिख कम्यनिटी के बीच बातचीत का भी जिक्र किया गया।
इस कवायद के बाद आखिर में तालिबान हुकूमत ने भी स्टेटमेंट जारी किया। इसमें बताया गया कि किस तरह 18 जून को इस्लामिक स्टेट खोरासान ग्रुप के हमले को पिछले दिनों तालिबानी सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। यह हमला काबुल में कर्ते परवान गुरुद्वारे पर किया गया है। घटना के वक्त करीब 30 सिख गुरुद्वारे में मौजूद थे। हालांकि, फायरिंग में एक सिख श्रद्धालू और गुरुद्वारे के एक मुस्लिम गार्ड की मौत हो गई थी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.