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अमेरिका में एक और भारतीय प्रतिभा ने अपना लोहा मनवाया है। ये हैं, सलेहा जबीन। वे भारत में जन्मी और पली-बढ़ी हैं। उन्हें अमेरिकी सेना में चैपलेन (धार्मिक मामलों में सलाह देने वाली शख्सियत) की जिम्मेदारी दी गई है। वे जिम्मेदारी निभाने वाली पहली भारतीय मुस्लिम महिला हैं। वे रक्षा मंत्रालय में चैपलेन की हैसियत से जुड़ीं पहली महिला मुस्लिम भी हैं।
सलेहा एयर फोर्स चैपलिन कोर्स में स्नातक हैं। उन्हें पिछले साल दिसंबर में शिकागो में ‘कैथोलिक थियोलॉजिकल यूनियन’ में बतौर ‘सेकंड लेफ्टिनेंट’ नियुक्त किया गया था। अमेरिका सेना की ओर से बुधवार को जारी बयान के मुताबिक उनकी ग्रेजुएशन सेरेमनी इसी पांच फरवरी को हुई।
इस अवसर पर सलेहा ने कहा, ‘मुझे इस पद पर नियुक्ति का गर्व है। अब मैं कह सकती हूं कि सेना किसी के लिए भी सेवा का क्षेत्र हो सकती है। मुझे अपनी धार्मिक आस्था से कभी कोई समझौता नहीं करना पड़ा है। मेरे आसपास ऐसे लोग हैं, जो मेरा सम्मान करते हैं। एक महिला, धर्मगुरु और प्रवासी के तौर पर मेरे साथ काम करने को लेकर वे उत्साहित हैं। मुझे कौशल हासिल करने के लिए कई अवसर प्रदान किए गए। इसीलिए मुझे सफल अधिकारी और धार्मिक मामलों में मशविरा देने वाले की यह जिम्मेदारी मिल सकी।’ जबीन पढ़ाई के लिए 14 साल पहले अमेरिका आई थीं।
एयर फोर्स कॉर्प्स कॉलेज स्टाफ चैपलेन कैप्टन जोन रिचर्डसन ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य स्नातक स्तर पर फ्रंटलाइन चैपलेन तैयार करना है। उन्हें इस प्रकार से प्रशिक्षित करना है कि वे अपनी यूनिट में अध्यात्मिक सेवाएं दे सकें। एक ही ध्येय है एक-एक एयरमैन की देखभाल करें। जब वे (चैपलेन) पेशेवर तरीके से एयरमैन की देखरेख करते हैं, तो जवानों के दूसरे पक्ष पीछे छूट जाते हैं। वायुसेना चैपलेन कोर विविधता को बढ़ावा देने का प्रयास करती है।
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