बीते दो साल में दुनियाभर में अपराधियों को फांसी दिए जाने के मामलों में 20% इजाफा हुआ है। जबकि, ऐसे अपराधी जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है उनकी संख्या में 39% बढ़ गई है। साल 2020 में दुनिया में 483 अपराधियों को फांसी पर चढ़ा दिया गया और 1,477 को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके अगले साल 2021 में दुनियाभर में 579 अपराधियों को फांसी पर चढ़ाया गया और 2,052 अपराधियों को मौत की सजा सुनाई गई।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की 66 पेज की ताजा रिपोर्ट से यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यह संगठन दुनियाभर में मानवाधिकारों के हनन से संबंधित डेटा जुटाता है।
दुनिया में 80% फांसी ईरान, मिस्र और सऊदी अरब में दी गई
मौत की सजा देने वाले देशों में ईरान सबसे ऊपर है। साल 2021 में 314 लोगों को मौत की सजा दी गई, जबकि 2020 में 246 लोगों को मौत की सजा दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि इन आंकड़ों में चीन, उत्तर कोरिया और वियतनाम का डेटा शामिल नहीं है, क्योंकि ये देश अपराधियों को फांसी पर चढ़ाए जाने और मौत की सजा सुनाए जाने से संबंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं कराते हैं।
हालांकि, एमनेस्टी इंटरनेशनल का मानना है कि दुनिया में फांसी की सजा देने के मामले में चीन सबसे आगे है। वहीं, पिछले साल 2021 में दी गई कुल फांसी में से 80% ईरान, मिस्र और सऊदी अरब में दी गई है।
फांसी देने के मामलों में 2022 में भी कमी नहीं, एमनेस्टी ने निंदा की
ईरान, मिस्र और सऊदी अरब जैसे देशों में फांसी देने के मामलों में 2022 के शुरुआती महीनों में भी किसी तरह की कमी देखी नहीं गई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के सेक्रेटरी जनरल एग्नेस कैलामार्ड का कहना है कि संगठन सभी मामलों में मौत की सजा की निंदा करता है। ये मुख्य रूप से अल्पसंख्यकों और हाशिए के समुदायों को प्रभावित करने वाले मानवाधिकारों का दुरुपयोग है।
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