US के बाद लैटिन अमेरिका में दिखा चीनी बैलून:पेंटागन का दावा- इसे भी जासूसी के लिए भेजा, चीन ने कहा- हमारी छवि न बिगाड़ें

वॉशिंगटन4 महीने पहले
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अमेरिकी मिलिट्री ने बलून की जानकारी जुटाने के लिए ने अपने दो F-22 फाइटर जेट उसके पास भेजे। इसके बाद ABC न्यूज को एक अधिकारी ने बताया कि यह बैलून तीन बसों जितना बड़ा है। - Dainik Bhaskar
अमेरिकी मिलिट्री ने बलून की जानकारी जुटाने के लिए ने अपने दो F-22 फाइटर जेट उसके पास भेजे। इसके बाद ABC न्यूज को एक अधिकारी ने बताया कि यह बैलून तीन बसों जितना बड़ा है।

अमेरिका के बाद शुक्रवार को लैटिन अमेरिका के आसमान में भी एक बैलून उड़ता दिखाई दिया। पेंटागन के ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा- हमें रिपोर्ट्स मिल रही हैं कि एक और बैलून लैटिन अमेरिका की तरफ से आ रहा है। हमारा अंदाजा है कि यह एक और जासूसी बैलून है, जो चीन का ही है।

वहीं चीन ने जासूसी बैलून के मामले में अमेरिका के आरोपों पर पलटवार किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि चीन ने कभी किसी देश की सीमा या एयरस्पेस का उल्लंघन नहीं किया है। अमेरिका के कुछ नेता और मीडिया इस घटना की आड़ में चीन की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले को शांति से सुलझाया जाना चाहिए।

तस्वीर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग की है। बलून मामले में उन्होंने शनिवार को बयान जारी किया।
तस्वीर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग की है। बलून मामले में उन्होंने शनिवार को बयान जारी किया।

अमेरिका में आए बैलून का साइज 3 बसों जितना
अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर नहीं बताया है कि चीन का बैलून कितना बड़ा है। हालांकि इसका पता लगाने के लिए मिलिट्री ने अपने 2 F-22 फाइटर जेट उसके पास भेजे। जिसके बाद ABC न्यूज को एक अधिकारी ने बताया था कि यह बैलून तीन बसों जितना बड़ा है। वहीं पेंटागन के प्रवक्ता पैट राइडर ने कहा- बैलून सिविलियन एयर ट्रैफिक के ऊपर है इसलिए फिलहाल हमने बैलून को तबाह करने या इसे नीचे गिराने का फैसला नहीं लिया है।

यह बैलून कुछ दिनों तक अमेरिका के एयर स्पेस में ही रहेगा। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जनरल राइडर ने कहा है कि इसकी लोकेशन की जानकारी आम लोगों के साथ शेयर नहीं की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि यह बैलून अभी अमेरिका के सेंटर में है और पूर्व की तरफ आगे बढ़ रहा है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपना चीन का दौरा रद्द कर दिया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपना चीन का दौरा रद्द कर दिया है।

स्पाई बैलून की वजह से चीन-अमेरिका के रिश्ते बिगड़े
अमेरिका के आसमान में चीन का जासूसी बैलून आने से दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक क्राइसिस, यानी कूटनीतिक संकट पैदा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- अमेरिका के फॉरेन मिनिस्टर एंटनी ब्लिंकन ने चीन के दौरे को रद्द कर दिया है। वो रविवार से दो दिन के चीन के दौरे पर जाने वाले थे।

उधर, चीन ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा था कि जिसे अमेरिका खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाला जासूसी बैलून कह रहा है वो केवल एक सिविलियन एयरशिप है, जो अपने तय रूट से भटक गया। इसका इस्तेमाल केवल मौसम की जानकारी के लिए होता है।

इसके पलटवार में अमेरिकी अफसर ने कहा- अगर यह सिविलियन बैलून है तो यह 6 हजार किलोमीटर दूर मोंटाना तक कैसे और क्यों पहुंचा। पेंटागन ने कहा- इसे अमेरिका में निगरानी के लिए भेजा गया था।

पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने कहा कि बैलून दिखने के बाद अधिकारियों ने डेटा प्रोटेक्ट करने के लिए तुरंत कार्रवाई की।
पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने कहा कि बैलून दिखने के बाद अधिकारियों ने डेटा प्रोटेक्ट करने के लिए तुरंत कार्रवाई की।

सैटेलाइट से जासूसी
CIA के पूर्व अधिकारी माइकल पी मुलरो का कहना है कि गुब्बारा ऐसा कुछ करने में सक्षम नहीं है जो कोई और साधन जैसे कि सैटेलाइट पहले से ही नहीं दे रहा है। दोनों के पास कई सैटेलाइट हैं जो पहले ही पूरी सूचनाएं हासिल कर रहे हैं।

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक 2000 के बाद से अमेरिका में चीन की ओर से जासूसी की 160 घटनाएं सामने आई हैं। चीन ने मोबाइल टॉवर्स पर हुवावे के जासूसी डिवाइस लगाने की साजिश रची थी। ग्रामीण इलाकों को टारगेट बनाते हुए वहां अपने डिवाइस लगाए थे। यह सैन्य ठिकानों की ओर बढ़े तो खुफिया एजेंसियों ने कार्रवाई की।

अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी ने फिलिपींस में सैनिक अड्डे बढ़ाने का फैसला किया।
अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी ने फिलिपींस में सैनिक अड्डे बढ़ाने का फैसला किया।

अमेरिका भी कर रहा चीन की घेराबंदी
अमेरिकी रक्षा विभाग ने गुरुवार को ही फिलिपींस में सैनिक अड्डे बढ़ाने का फैसला किया। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सेना को घेरने और ताइवान पर हमले की स्थिति में एक्शन के लिए यह जरूरी है। इससे पहले अमेरिका सहित दुनिया में चीन ने ऐसे थाने बनाए हैं जो अपने नागरिकों की जासूसी कर रहे हैं।