ऑस्ट्रेलिया में माइक्रो रेडियोएक्टिव कैप्सूल गुमने से हड़कंप:ट्रक से रास्ते में गिरा, लगातार छोड़ रहा रेडिएशन; 1400 KM में तलाश जारी

मेलबर्न2 महीने पहले
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वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में खोए हुए रेडियोएक्टिव कैप्सूल को ढूंढ़ने में लगी टीम। - Dainik Bhaskar
वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में खोए हुए रेडियोएक्टिव कैप्सूल को ढूंढ़ने में लगी टीम।

ऑस्ट्रेलिया में एक छोटा सा रेडियोएक्टिव कैप्सूल खोने से हड़कंप मचा हुआ है। हालात ये हैं कि अब देश की सबसे बड़ी न्यूक्लियर एजेंसी उसे खोजने में जुट गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कैप्सूल 12 जनवरी को तब खोया था, जब इसे दूसरे कैप्सूल के साथ एक ट्रक में लाद कर एक माइनिंग साइट से लाया जा रहा था।

ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों का मानना है कि कैप्सूल ट्रक के खराब रास्तों से गुजरते हुए हिलने-डुलने की वजह से कहीं गिर गया। इस कैप्सूल की लंबाई 8 मिलीमीटर और चौड़ाई 6 मिलीमीटर बताई गई है। सरकार ने अपील की है कि अगर कैप्सूल किसी को दिखता है तो उसे छूने से बचें और तुरंत स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दें।

यह तस्वीर ऑस्ट्रेलिया में खोए हुए रेडियोएक्टिव कैप्सूल को खोजने में लगी टीम की है।
यह तस्वीर ऑस्ट्रेलिया में खोए हुए रेडियोएक्टिव कैप्सूल को खोजने में लगी टीम की है।

कैप्सूल के रेडिएशन से स्किन, हड्डियों को खतरा
ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने कहा है कि यह रेडियोएक्टिव कैप्सूल हर घंटे 10 एक्स-रे जितना रेडिएशन छोड़ रहा है। लोग इससे कम से कम 5 मीटर की दूरी बनाकर रहें। इसके ज्यादा करीब जाने से स्किन जलने और कई गंभीर बीमारियों का खतरा है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कैप्सूल से निकल रहा रेडिएशन उसके पास जाकर खड़े होने से ही ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। अगर कोई पास से गुजर रहा तो ज्यादा खतरा नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर कैप्सूल नहीं मिलता है तो वो सदियों तक लोगों के लिए खतरा बना रहेगा। इसमें मौजूद सेसियम केमिकल इंसान की हड्डियों में जाकर गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।

वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की इमेरजेंसी सर्विसेज ने फोटो जारी कर खोए हुए रेडियोएक्टिव कैप्सूल की तस्वीर जारी की है।
वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की इमेरजेंसी सर्विसेज ने फोटो जारी कर खोए हुए रेडियोएक्टिव कैप्सूल की तस्वीर जारी की है।

कहां इस्तेमाल होता है ये कैप्सूल?
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, खोया हुआ कैप्सूल 19-GBq है। इसमें सेसियम-137 केमिकल है। यह एक रेडियोएक्टिव मेटल होता है, जो बीटा और गामा रेडिएशन छोड़ता है। सेसियम-137 की क्षमता 30 साल में आधी हो जाती है। रेडिएशन सर्विसेज के मैनेजर ने बताया कि इस तरह के कैप्सूल्स का इस्तेमाल बड़े उद्योगों में कई तरह के मटेरियल की डेंसिटी (घनत्व) और फ्लो (प्रवाह) को मापने के लिए किया जाता है।

ऑस्ट्रेलियन न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, हर महीने परमाणु मेडिसिन के दो हजार पैकेज को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है। रेडियोएक्टिव पदार्थों के इस्तेमाल के लिए लाइसेंस लेना होता है। उसकी सेफ्टी, पैकेजिंग पर ध्यान देना होता है। साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन रिकॉर्ड रखना होता है।

ऑस्ट्रेलिया में खोए रेडियोएक्टिव कैप्सूल का इस्तेमाल इंडस्ट्रीज में मटेरियल्स की डेंसिटी और फ्लो को मापने के लिए किया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया में खोए रेडियोएक्टिव कैप्सूल का इस्तेमाल इंडस्ट्रीज में मटेरियल्स की डेंसिटी और फ्लो को मापने के लिए किया जाता है।

1400 किलोमीटर के इलाके में खोज जारी
ऑस्ट्रेलिया की रेडिएशन प्रोटेक्शन और न्यूक्लियर सेफ्टी एजेंसी ने बताया कि कैप्सूल की खोज 1400 किलोमीटर के इलाके में की जा रही है। जहां से भी ट्रक गुजरा था। ये इलाका ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी हिस्से मे पड़ता है। कैप्सूल को ढूंढने के लिए कई न्यूक्लियर एक्सपर्ट्स को भी भेजा गया है।

जिस ट्रक से कैप्सूल गिरा वो रिओ टिंटो नाम की एक माइनिगं कंपनी का था। कंपनी ने इस मामले को लेकर माफी मांगी है। वहीं वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के चीफ हेल्थ ऑफिसर ने बताया कि इस तरह से किसी रेडियोएक्टिव कैप्सूल का खोना कोई आम घटना नहीं है।

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