BBC डॉक्यूमेंट्री विवाद पर अमेरिका का जवाब:कहा- भारत से हमारे गहरे रिश्ते; ब्रिटिश PM सुनक भी मोदी का पक्ष ले चुके

वॉशिंगटन2 महीने पहले
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‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड 17 जनवरी को रिलीज किया गया था। - Dainik Bhaskar
‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड 17 जनवरी को रिलीज किया गया था।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 गुजरात दंगों पर बनी BBC डॉक्यूमेंट्री लगातार विवादों के घेरे में है। केंद्र सरकार इसे दुष्प्रचार और प्रोपेगैंडा बता चुकी है। हाल ही में ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक ने भी मोदी का बचाव करते हुए शॉर्ट फिल्म पर अपनी असहमति जताई थी। अब अमेरिका ने भी इस मामले में अपनी स्थिति साफ कर दी है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मीडिया ब्रीफिंग में एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा- आप जिस डॉक्यूमेंट्री का जिक्र कर रहे हैं, मुझे उसके बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि मुझे उन साझा मूल्यों के बारे में जानकारी जरूर है, जो भारत और अमेरिका को दो संपन्न और जीवंत लोकतंत्र बनाते हैं।

अमेरिका और भारत का रिश्ता गहरा: प्राइस
प्राइस ने इस बात पर जोर देते हुए आगे कहा- दोनों देशों के बीच करीबी राजनीतिक और आर्थिक संबंध है। अमेरिका और भारत के लोगों के बीच असाधारण रूप से गहरे रिश्ते हैं। दोनों देश उन सभी तत्वों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं, जो हमें एक साथ जोड़ते हैं।

सुनक ने भी किया डॉक्यूमेंट्री का विरोध

ब्रिटिश PM ऋषि सुनक ने संसद में पाकिस्तानी मूल के सांसद को जवाब देते हुए कहा कि वे डॉक्यूमेंट्री में PM मोदी की पेश की गई इमेज से असहमत हैं।
ब्रिटिश PM ऋषि सुनक ने संसद में पाकिस्तानी मूल के सांसद को जवाब देते हुए कहा कि वे डॉक्यूमेंट्री में PM मोदी की पेश की गई इमेज से असहमत हैं।

BBC की डॉक्यूमेंट्री पर ब्रिटिश संसद में भी चर्चा हुई। पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन ने कहा- गुजरात दंगों के लिए सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी जिम्मेदार थे। अब भी दंगा पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिला। उन्होंने ब्रिटिश PM ऋषि सुनक से सवाल किया- दंगे में मोदी की भूमिका पर आपका क्या कहना है?

इस पर सुनक ने कहा- BBC की डॉक्यूमेंट्री में जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया है, मैं उससे कतई सहमत नहीं हूं। उन्होंने कहा- ब्रिटेन सरकार की स्थिति स्पष्ट है। हम दुनिया के किसी भी हिस्से में होने वाली हिंसा को बर्दाश्त नहीं करते, लेकिन डॉक्यूमेंट्री में PM मोदी की जो इमेज पेश की गई है, मैं उससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं।

राहुल गांधी बोले- सच नहीं छुप सकता

राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर सरकार डिफेंस मोड पर है।
राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर सरकार डिफेंस मोड पर है।

BBC डॉक्यूमेंट्री विवाद पर कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने भी बयान दिया है। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा- डॉक्यूमेंट्री को भारत में बैन कर दिया गया है। मामले पर विदेश मंत्रालय डिफेंस मोड पर है। मुझे लगता है यह असहिष्णुता की राजनीति है। हम एक लोकतांत्रिक देश हैं। आप चाहे जितनी कोशिश कर लें, लेकिन सच को नहीं छुपा सकेंगे।

भारत ने कहा- डॉक्यूमेंट्री PM मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार
भारत सरकार ने BBC डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफ्रिंग में कहा- हम नहीं जानते कि डॉक्‍यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्‍प्रचार है।

बागची ने कहा- यह डॉक्यूमेंट्री भारत के खिलाफ एक खास किस्म के दुष्प्रचार का नरेटिव चलाने की कोशिश है। डॉक्यूमेंट्री में दिखता है कि इससे जुड़े हुए लोग और संगठन खास किस्म की सोच रखते हैं, क्योंकि इसमें फैक्ट ही नहीं हैं। यह औपनिवेशिक यानी गुलामी की मानसिकता को दर्शाती है। हम नहीं जानते कि इसके पीछे का एजेंडा क्‍या है।

BBC डॉक्यूमेंट्री पर विवाद क्यों?
BBC ने 17 जनवरी को ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया।

पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव पर नजर डालती है। गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है।

PM मोदी को सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट
गुजरात में 2002 में हुए दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने SIT का गठन किया था। कमेटी ने दंगों में नरेंद्र मोदी का हाथ नहीं पाया था। SIT ने कहा था कि मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने SIT की तरफ से मोदी को मिली क्लीन चिट को सही माना था।

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