अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी ने हिंदू वोटर्स को ठोस वोटबैंक के रूप एकजुट करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पार्टी के हिंदू सांसद-विधायक और एडवाइजर हिंदू डेमोक्रेटिक गठबंधन (एचडीसी) लॉन्च कर रहे हैं। इसका मकसद हिंदू हितों की रक्षा करना और समुदाय को पार्टी के साथ जोड़ना है। यह पहला मौका है, जब डेमोक्रेटिक पार्टी इस तरह हिंदुओं तक पहुंच रही है। पार्टी की सबसे शक्तिशाली विंग डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन (डीएनसी) ने भी इसे मंजूरी दी है।
डीएनसी चुनावों से जुड़े सभी अहम निर्णय लेती है। इस गठबंधन के संस्थापक सदस्यों में से एक निशीथ आचार्य बताते हैं, यह गठबंधन यह समय की जरूरत है और हमारे जैसे हिंदू अमेरिकियों का एक लंबा सपना रहा है। हमें एक सशक्त मंच मिल गया है।’ ओबामा प्रशासन में वाणिज्य मंत्री के वरिष्ठ सलाहकार रहे निशीथ बताते हैं कि यह गठबंधन हमारे समुदाय की जरूरतों और हमारे राजनीतिक एजेंडे को धार देगा। एचडीसी का समर्थन कर रहे अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति बताते हैं, ‘हम धार्मिक स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं।
हमारा मानना है कि हर किसी को अमेरिकी सपने देखना चाहिए और किसी को भी पीछे नहीं रहना चाहिए।’ वे कहते हैं कि हमें अपने संसाधनों का उपयोग अधिक लोगों को निर्वाचित करने के लिए करना होगा। इस गठबंधन के संस्थापकों में से एक मुरली बालाजी कहते हैं, ‘डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा इस फोरम को मान्यता देने का अर्थ यह है कि आप हिंदू अमेरिकियों को हल्के में नहीं ले सकते।’
इस फोरम का काम क्या होगा, इस पर बालाजी कहते हैं कि यह नया गठबंधन हिंदू हितों से लेकर सुरक्षा तक सभी स्तरों पर काम करेगा। जैसे कि समुदाय के अधिक लोगों को उम्मीदवारों के रूप में चुना जाना, लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना। हिंदू समुदाय की मांगों को सरकार के साथ-साथ स्थानीय राज्य सरकारों के सामने रखना और उसका समाधान निकालना। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि पार्टी में यह बहस का बड़ा विषय था कि पार्टी हिंदू वोटर्स तक नहीं पहुंच पाई।
यह गठबंधन क्यों...
भारतीय 10 सीटों पर निर्णायक, कई इलाकों में 40% भारतीयों ने ट्रम्प को वोट किया
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