अमेरिका में भेदभाव का शिकार हो रहे एशियाई मूल के लोगों की बेहतरी के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए आयोग बनाने जा रहे हैं। यह राष्ट्रपति को सलाह देगा कि सार्वजनिक, निजी और गैर-लाभकारी क्षेत्र मिलकर कैसे एशियाई समुदाय की बेहतरी के लिए काम कर सकते हैं। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने सभी विभागों में कम से कम 15% एशियाई अमेरिकियों को जगह देने का निर्देश दिया है। वहीं, व्हाइट हाउस में एक वरिष्ठ संपर्क अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो इस समुदाय के लिए काम करेगा।
दरअसल, पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में एशियाई लोगों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव के मामले बढ़े हैं। बीते साल ऐसी 6,600 से घटनाएं हुई हैं। यही कारण है कि सरकार एशियाई-अमेरिकी समुदाय के खिलाफ पूर्वाग्रह और नफरत रोकने के लिए शोधकार्य की फंडिंग भी करने जा रही है। संघीय कार्यक्रमों और योजनाओं को इस समूह तक पहुंचाने के लिए भाषा के जानकारों की भर्ती होगी। फिलहाल अमेरिका में नेशनल साइंस फाउंडेशन ऐसे 100 से अधिक कार्यक्रमों की फंडिंग कर रहा है। इस पर फाउंडेशन ने 238 करोड़ रुपए का निवेश किया है। एशियाई अमेरिकी कार्यकर्ताओं ने कहा, बाइडेन की पहल से प्रवासी समूह को ऐतिहासिक मदद मिलेगी।
एशियाई समुदाय के नेता और बाइडेन के सहयोगी शेखर नरसिम्हन कहते हैं- पहली बार एशियाई-अमेरिकियों के खिलाफ घृणा अपराधों का दस्तावेजीकरण होगा। अब घृणा अपराध की निगरानी आसान हो जाएगी। मिसाल के तौर पर, इस साल 16 मार्च को अटलांटा-क्षेत्र के तीन मसाज पार्लरों में शूटिंग में 8 लोग मारे गए थे, जिनमें से छह एशियाई महिलाएं थीं। नया कानून आने के बाद शूटिंग के लिए जिम्मेदार लोगों पर घृणा अपराध का भी मुकदमा चल सकेगा। अभी सिर्फ हत्या का मामला चलता है।
सरकार ने हाल में कोविड-19 हेट क्राइम एक्ट पास किया है। इससे एफबीआई को हेट क्राइम की पहचान और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने में मदद मिलेगी। न्याय विभाग में अधिकारी नियुक्त हाेंगे, जो हेट क्राइम की समीक्षा करेंगे। एशियाई समुदाय बहुत से लोग अंग्रेजी के जानकार नहीं हैं, ऐसे में इनकी ही भाषा में बात करने वालों की तैनाती होगी।
अमेरिका में अभी 42 लाख भारतीय, 6% वोटर एशिया मूल के
अमेरिका में करीब सवा दो करोड़ (6 फीसदी) लोग एशियाई देशों से आकर बसे हैं। इनमें करीब 52 लाख चीनी और 42 लाख भारतीय हैं। पिछले एक दशक में अमेरिका में नस्लीय समूहों के बीच सबसे तेज जनसंख्या वृद्धिदर एशियाई लोगों की रही है। साल 2000 से 2019 के बीच एशियाई आबादी में 81 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है।
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